सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला मुख्यालय पर शुक्रवार को प्रभारी मंत्री महेन्द्र चौधरी के मुख्य आतिथ्य और विधायक संयम लोढ़ा की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय पर अनादरा चौराहे पर साइबर थाने का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर जिला कलेक्टर डॉ भंवरलाल और एसपी ममता गुप्ता भी मौजूद थी।
इस दौरान महेन्द्र चौधरी ने कहा कि जिले में बजट की घोषणाओं की अगला बजट आने से पहले क्रियान्विती सराहनीय है। ये बजट किसान और युवाओं पर फोकस हेागा। उन्होंने कहा कि बत्तीसा नाला, लॉ कॉलेज, मेडीकल कॉलेज आदि ऐतिहासिक काम हुए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक संयम लोढ़ा चार साल में सिरोही में काफी काम कर चुके हैं और मै आपको आश्वासन देता हूं कि इस बार बजट में सिरोही का नाम आपको बार-बार सुनाई देगा।
जिले में साइबर थाना पूरे जिले के लिए खुला है। यहां पर डिजिटल क्राइम की जांचें हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने दर्ज होने वाले अपराधों की संख्या बढऩे की परवाह किए बिना थानों पर रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर एसपी ऑफिस में भी रिपोर्ट दर्ज करने की व्यवस्था करवाई है। जिससे लोगों को न्याय मिल सके।
प्रभारी मंत्री से पहले विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि साइबर थाने से आर्थिक अपराध की जांच में सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अपराधी हाईटेक हो रहे हैं पुलिस को भी अपडेट होने की जरूरत। उन्होंने कहा कि नाबालिग बच्ची को ट्रेस करने में भी देरी हो रही है इनमें तेजी आए जिससे पीडि़त को राहत मिले।
इस दौरान संयम लोढ़ा ने प्रभारी मंत्री से सिरोही के लॉ कॉलेज में एलएलएम श्ुारू करने की मांग रखी। उन्होने सरूपगंज, रेवदर और मंडार में नगर पालिकाएं और आबूरोड को नगर परिषद घोषित करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि मेडीकल के पैरामीटर के अनुसार जिले में आठ पीएचसी की कमी है उसे खोला जाए। आबूरोड में जिला चिकित्सालय और रेवदर में उप जिला चिकित्सालय खोलने की मांग भी उन्होंने मंच से मंत्री से की। उन्होंने कहा कि सिरोही विधानसभा को चार सालों में बहुत कुछ मिला है, जिले के शेष इलाको को भी इस बजट में उक्त चीजें मिल जाए तो सिरोही के साथ जिले के शेष इलाके भी राजस्थान के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने लगेंगे।
जिला कलेक्टर डॉ भंवरलाल ने कहा कि जिले में लम्बे समय से ये मांग थी कि क्षेत्र बड़ा होने के कारण सदर थाना खोला जाए। वहीं डिजिटल अपराध को देखते हुए साइबर थाने की घोषणा की गई थी। दोनों ही थाने अब संचालित हो चुके हैं और इनके लिए भूमि भी आवंटित कर दी है। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम ऐसा क्राइम है जिसे सॉल्व करने के लिए विशेष प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होती है। इस थाने से ये विशेषज्ञ हमें मिलेंगे।
पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने कहा कि जिले में स्वीकृत नए साइबर थाने के समाज के हर वर्ग के साथ होने वाले साइबर अपराध को सॉल्व करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस थाने का विशेष महत्व है, इसमें तैनात होने वाले कार्मिकों को इसके लिए विशेष रूप से ट्रेंड करने का काम शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि अभी साइबर थाना फिलहाल किराए के मकानों संचालित है। विधायक और जिला कलेक्टर के प्रयासों से जमीन आवंटित कर दिए जाने के कारण राज्य सरकार ने सदर थाने, साइबर थाने और जावाल थाने के भवन के निर्माण के लिए साढ़े तीन-तीन करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। शीघ्र इसका निर्माण शुरू कर देंगे। इस दौरान सभापति महेन्द्र मेवाड़ा, एएसपी देवाराम चौधरी मंचासीन थे।
-जिला प्रमुख गैर मौजूद उनके गांव की समस्या आई
<span;>चिकित्सालय में प्रसूता की मौत पर धरना देने के लिए समय निकालने वाले जिला प्रमुख अर्जुन पुरोहित नर्सिंग कॉलेज के उद्घाटन के समय की तरह जिले के विकास का भागीदारी निभाने में नाकाम रहे। प्रोटोकॉल के अनुसार उनकी नेमप्लेट यहां लगाई गई थी। कार्यक्रम से पहले ही उनके नहंी होने की सूचना मिलने पर नेमप्लेट को हटाया गया, लेकिन कार्यक्रम शुरू होने तक इंतजार करने की चर्चा के साथ फिर रख दी गई।
कार्यक्रम शुरू होने पर भी जिला प्रमुख यहां नहीं पहुंचे। लेकिन, उनके गांव जीरावला की समस्या यहां जरूर पहुंची। ये भाजपा के जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित और उनके भाई जिला प्रमुख अर्जुन पुरोहित की विफलता नहीं तो और क्या है कि अपने गांव की दो छोटी समस्याओं को निराकरण करवाने के लिए अपने ही गांव के लोगों में विश्वास नहीं जगा पाए। या यूं कहा जाए उनके गांव के लोगों ने इन समस्याओं के निस्तारण के लिए उनकी जगह जिला मुख्यालय पर आकर मंत्री से मिलना ही बेहतर समझा। उनके गांव जीरवला के ग्रामीण गांव में जीएसएस निर्माण और अंगे्रजी माध्यम के स्कूल को दो शिफ्टों में किए जाने की मांग को लेकर प्रभारी मंत्री को ज्ञापन देने के लिए यहां पहुंचे थे।
-मंत्री के सामने खुली गहलोत सरकार की गवर्नेंस की पोल
विकास के ढांचे गिनवाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा सिरोही जिले में भेजे गए ्र्रप्रभारी मंत्री के समक्ष गहलोत सरकार की फेल गवर्नेंस की पोल पैरों से दिव्यांग व्यक्ति ने खोल दी। यहां पहुंचे रेवदर के दिव्यांग ने प्रभारी मंत्री को बताया कि आबूरोड सीएचसी में उसके पास आधार और जनआधार कार्ड नहीं होने के कारण पैसा लेकर भी पर्ची नहीं दी गई। जिससे वह वहां पर उपचार नहीं करवा पाया।