पटना। बिहार सरकार ने केंद्र के पांचवें वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर वेतन और पेंशन प्राप्त कर रहे सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों एवं पारिवारिक पेंशनधारियों के महंगाई भत्ते में आज 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिपरिषद् की बैठक के बाद बताया कि सरकार ने इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
कुमार ने बताया कि पांचवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार अपुनरीक्षित वेतनमान में वेतन-पेंशन प्राप्त कर रहे राज्य सरकार के सरकारी सेवकों, पेंशनभोगियों, पारिवारिक पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ता 284 प्रतिशत से बढ़ाकर 295 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार का यह निर्णय 1 जनवरी 2019 से प्रभावी हो गया है।
प्रधान सचिव ने बताया कि इसी तरह षष्ठ्म केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार अपुनरीक्षित वेतनमान में वेतन-पेंशन प्राप्त कर रहे सरकारी सेवकों, पेंशनभोगियों एवं पारिवारिक पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते को 148 प्रतिशत से बढ़ाकर 154 प्रतिशत किया गया है, जो 01 जनवरी 2019 से लागू हो गया है।
कुमार ने बताया कि पंचायती राज विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पहले कनीय अभियंता एवं ग्राम पंचायत को 15 लाख रुपए तक की योजनाओं की तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति देने का अधिकार था। लेकिन, अब इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया है। साथ ही तकनीकी स्वीकृति के लिए अधिकृत पदाधिकारियों के नाम में संशोधन की भी मंजूरी दी गई है।
प्रधान सचिव ने बताया कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के नियंत्रणाधीन संचालित सैरातों (फेरी एवं घाट सहित) का प्रबंधन एवं अनुरक्षण पंचायती राज विभाग के अधीन पंचायती राज संस्थाओं ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद् को हस्तान्तरित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
इसके अनुसार पहले जिलाधिकारी की पांच लाख रुपए तक की शक्ति पंचायती राज विभाग को हस्तांतरित हुई है। इसके तहत 50 हजार रुपए तक ग्राम पंचायत, एक लाख रुपए तक पंचायत समिति और पांच लाख रुपए तक के सैरातों बंदोबस्ती का अधिकार जिला परिषद् को दिया गया है।
कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केन्द्र, पटना के डाटा केन्द्र के उत्क्रमण के लिए 20 करोड़ 62 लाख 43 हजार रुपये मात्र की पुनरीक्षित प्रशासनिक एवं व्यय की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने बताया कि बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड के संगम ज्ञापन में संशोधन की भी मंजूरी दी गई है।