आबूरोड (सिरोही)। आदिवासी बहुल क्षेत्र में देलदर-निचलागढ़ सड़क मार्ग संपर्क पूर्णतया कटने के बाद अस्पताल, बैंक, सहकारी समिति का गोदाम, नवसृजित उप तहसील आदि उत्पन्न समस्याओं से परेशान ग्रामीणों ने निचला गढ़ चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया तथा आगे की रणनीति तैयार करने को बैठक की!
देलदर- निचलागढ़ सड़क मार्ग पूर्णतया प्रतिबंधन के बाद भाखर क्षेत्र के गंभीर रोगियों, महिला प्रसुताओं, दुर्घटनाओं, वृद्धावस्था पेंशन खाता धारकों तथा किसानों को खाद बीज आदि समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इस संबंध में रविवार को भाखर क्षेत्र के निचला गढ़ चौराहे पर एक बैठक आयोजित कर सुविधाएं बहाल नहीं करने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है।
15 नवंबर को बत्तीसा नाला बांध से गुजर रही डूब क्षेत्र की एकमात्र भाखर क्षेत्र की सड़क देलदर-निचला गढ़ पूर्णतया प्रतिबंध के बाद आदिवासी भाखर क्षेत्र के 24 गांवों का सीधा संपर्क कट गया। इसके बदले सरकार ने उपलागढ़ -कुई-सागणा-हनुमान टेकरी आबूरोड वैकल्पिक मार्ग के रूप में अधिकांश गांवों का लंबी दूरी का अधिक समय का खामियाजा भुगतने का वैकल्पिक मार्ग दिया गया है।
इस रूट से उपला टाकिया, निचला टाकिया, जायदरा, दोयतरा निचलाखेजड़ा, उपलाखेजड़ा, पाबा, रणोरा, भंमरिया, उपली बोर बूजा आदि गांवों तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को लंबी दूरी का व अधिक समय का खामियाजा भुगतना पड़ता है।
इतना ही नहीं बल्कि उपला गढ़ होते हुए आबू रोड हाईवे जाने के बाद वहां देलदर रूट की दूसरी टैक्सियों में बैठकर देलदर के बैंक, अस्पताल, सहकारी समिति का गोदाम, व नवसृजित उप तहसील, पहुंचना इन गांवों के आदिवासियों के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है।
निचला गढ़ चौराहे पर ग्रामवासियों ने बैठक कर प्रशासन को चेतावनी दी है कि आवश्यक सुविधाओं को तत्काल बहला करें अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा। बैठक में ग्रामदानी अध्यक्ष भूताराम, पूर्व उप सरपंच मेकाराम, नरसाराम, भादरवा फली के वार्ड पंच अमीयाराम, तथा गांव के मंसाराम, चतराराम, सामीराराम सोलंकी, सूरदास महाराज, जीवाराम, बदाराम, मादुराम, लसमा राम, रिजमाराम देवाराम, बदाराम भादरवा फली, हानाराम, केवलाराम, बाबू भाई, लालाराम, मकनाराम, मंसाराम, सिंगाराम तंवर, रमेश तंवर, गेना राम तवर, सचिन तवर, भरत कुमार, जगदीश, आकेश, इबका बाई, जमना बाई, पूर्व वार्ड पंच बदी बाई समेत बडी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।