बाडमेर। बाड़मेर में दलित युवक जीतेंद्र खटीक की पुलिस हिरासत में हुई मौत की जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के निर्देश पर जालोर के सांसद देवजी पटेल, पूर्व मंत्री एवं विधायक मदन दिलावर, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेन्द्र गहलोत व भाजपा नेता राजेन्द्र सिंह शेखावत की चार सदस्यीय समिति ने बाड़मेर का दौरा किया।
जांच के दौरान घटनास्थल पुलिस थाने, पीड़ित के परिजनों व अस्पताल में जाकर हालात का जायजा लिया। अतिरिक्त महानिदेशक रवि मेहरडा, महानिरीक्षक नवज्योत गोगई व अन्य पुलिस अधिकारियों से विचार विमर्श किया।
समिति अपनी रिपोर्ट जल्दी ही प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को अग्रिम कार्यवाही के लिए सुपर्द करेगी। समिति के बाड़मेर जाने का प्रभावी असर हुआ, सरकार ने चार दिन से चल रहे गतिरोध को समाप्त करते हुए मृतक के परिजनों को सरकार के द्वारा 25 लाख रुपए, स्थानीय विधायक के द्वारा 21 लाख रुपए और सरकारी भूखंड व सरकारी नौकरी के आश्वासन पर मृतक के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराना स्वीकार किया है।
पुलिस हिरासत में मौत के मामले में समझौते के बाद धरना समाप्त
बाड़मेर के ग्रामीण थाने में पुलिसत हिरासत में दलित युवक की मौत के मामले में जिला प्रशासन,जन प्रतिनिधियों और धरनार्थियों के बीच रविवार शाम हुई वार्ता के बाद धरना समाप्त करके शव उठाने पर सहमति बन गई। कलेक्टर अंशदीप ने बताया कि धरनार्थियों के साथ वार्ता के बाद समझौता हो गया।
इससे पहले रविवार शाम को क्षेत्रीय विधायक मेवाराम जैन, दूदू विधायक बाबूलाल नागर धरनार्थियों से वार्ता करने धरना स्थल पर पहुंचे। दलित वर्ग की मांगों पर चर्चा के बाद मृतक आश्रितों को पच्चीस लाख रुपए देने, मामले की उच्च स्तरीय जांच, परिजनों को एक भूखंड देने के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने पर सहमति बनने के बाद धरनार्थियों ने धरना समाप्त कर दिया।
सूत्राें ने बताया कि जिला प्रशासन के साथ विधायक, बाबूलाल नागर और धरनार्थिर्यों के प्रतिनिधि के बीच लिखित सहमति के बाद धरना उठाया गया है। फिलहाल शव उठाने की प्रक्रिया चल रही हैं।
उल्लेखनीय है कि चार दिन पहले पुलिस ने चोरी के आरोप में पूछताछ के लिए एक दलित युवक जितेंद्र खटीक को हिरासत में लिया था, बिना मामला दर्ज किए उसे थाने में रखा गया। दूसरे दिन उसकी तबीयत खराब हो गई और अस्पताल ले जाने पर वहां उसकी मौत हो गई। इस पर थानाधिकारी को निलम्बित करके थाने के पूरे स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया गया। इस मुद्दे पर विपक्ष ने विधानसभा में काफी हंगामा किया।