अजमेर। महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का प्रबंध संभालने वाली दरगाह कमेटी के सदर आमीन पठान ने प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जायरीन के मेहमानखाने कायड़ विश्राम स्थली पर आने का स्वागत किया है।
उन्होंने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उन्होंने मोदी की ऐतिहासिक रैली के इंतजाम की जिम्मेदारी दरगाह कमेटी को सौंपी है और कमेटी के कर्मचारी इसमें अपना पूरा सहयोग कर रहे हैं।
पठान ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री किसी एक मजहब के नहीं है बल्कि सवा सौ करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले देशवासियों के है। उन्होंने पूरे देश के साथ साथ राजस्थान में भी अल्पसंख्यक के लिए बेहतर काम किया है जिसके लिए अल्पसंख्यक समाज उनका शुक्रिया अदा करता है।
उन्होंने बताया प्रधानमंत्री ने राजस्थान के अल्पसंख्यकों के लिए एक नई सौगात दी है जिसमें राजस्थान के अलवर जिले के किशनगढ़बास क्षेत्र में एक हजार करोड़ की लागत से विश्व स्तरीय इंस्टीट्यूट खुलने जा रहा है।
ये इंस्टीट्यूट मौलाना आजाद मिशन फाउंडेशन के सहयोग से तैयार होगा जहां अल्पसंख्यक छात्र छात्राओं के लिए चालीस फीसदी आरक्षण सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सभा में अल्पसंख्यकों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में लाने का प्रयास किया जा रहा है।
दरगाह से जुड़े मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग द्वारा मजार शरीफ पर चढ़े फूलों से खाद बनाने के काम का विरोध होने के सवाल पर पठान ने कहा कि यह कोई विवाद नहीं है कुछ लोगों को खाद शब्द से आपत्ति जरूर है क्योंकि वे इसे गोबर से जुड़ा देखते है।
उन्हें समझाया गया है कि मजार शरीफ से उतरे फूलों में लकड़ी का बुरादा मिलाकर उसे खाद का रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दरगाह कमेटी खाद के बजाए इसका नया नामकरण करने पर विचार कर रहा है।