प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन को संबोधित करते हुुए दावा किया कि केन्द्र सरकार की ओर से शुरु किए गए ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान का ही नतीजा है कि आज देश के तमाम राज्यों में बेटियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने महिला सशक्तीकरण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं को शुरु करने के बाद सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बेटियां कोख में ही ना मारी जाएं, वो जन्म लें, इसके लिए हमने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के माध्यम से समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया। आज परिणाम ये है कि देश के अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, और प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी तथा मथुरा की सांसद हेमा मालिनी सहित केन्द्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने दोपहर एक बजकर दस मिनट पर परेड ग्रांउड में आयोजन स्थल पर पहुंच कर उत्तर प्रदेश में महिलाओं द्वारा संचालित तमाम स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की संचालकों के साथ बातचीत की।
महिलाओं के साथ लगभग आधा घंटे के संवाद के बाद मोदी ने रिमोट का बटन दबा कर प्रयागराज में 202 202 पूरक पोषण निर्माण इकाइयों का शिलान्यास कर महिलाओं द्वारा संचालित 1.60 लाख ‘स्वयं सहायता समूहों’ के बैंक खाते में 1000 करोड़ रुपए की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की। इसके बाद उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर ‘कन्या सुमंगला योजना’ के तहत एक लाख एक हजार बेटियों के बैंक खातों में 20 करोड़ रुपए की राशि को भी ऑनलाइन ट्रांसफर किया।
इसके बाद जनसभा को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री माेदी ने उत्तर प्रदेश में पांच साल पहले तक कायम रही अराजकता का सबसे बुरा असर महिलाओं की तरक्की पर पड़ने की बात कही। उन्होंने समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार का नाम लिये बिना कहा कि 5 साल पहले उप्र की सड़कों पर माफियाराज था। उप्र की सत्ता में गुंडों की हनक हुआ करती थी। इसका सबसे बड़ा भुक्तभोगी कौन था? मेरे यूपी की बहन बेटियाँ थीं। उन्हें सड़क पर निकलना मुश्किल हुआ करता था। स्कूल, कॉलेज जाना मुश्किल होता था।
उप्र की पिछली सरकार में महिलाओं के असहाय होने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि महिलाएं उस दौर में ना तो कुछ कह नहीं सकती थीं, ना ही बोल सकती थीं। क्योंकि थाने गईं तो अपराधी या बलात्कारी की सिफ़ारिश में ‘किसी का’ फोन आ जाता था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने इन गुंडों को उनकी सही जगह पहुंचाया है।
उन्होंने दावा किया कि योगी राज में आज महिलाओं की सुरक्षा भी है और उनके अधिकार भी सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि आज उप्र में महिलाओं के लिए अपार संभावनाएं भी हैं और वे व्यापार भी कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उप्र में बिना किसी भेदभाव और बिना किसी पक्षपात के, डबल इंजन की सरकार, बेटियों के भविष्य को सशक्त करने के लिए निरंतर काम कर रही है।
इस दौरान उन्होंने देश में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र में बदलाव करने के फैसले का भी जिक्र करते हुए कहा कि पहले बेटों के लिए शादी की उम्र कानूनन 21 साल थी, लेकिन बेटियों के लिए ये उम्र 18 साल ही थी। उन्होंने कहा कि बेटियां भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें। इसलिए, बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश ये फैसला बेटियों के लिए कर रहा है, लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, ये सब देख रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे ऐतिहासिक कामों के आधार पर भरोसा जताते हुये कहा कि मुझे पूरा विश्वास है, जब हमारी माताओं बहनों का आशीर्वाद है, इस नए उप्र को कोई वापस अंधेरे में नहीं धकेल सकता है।
इससे पहले योगी ने भी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद से ही महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाने की बात लगातार हो रही थी। लेकिन जमीनी स्तर पर इस दिशा मेंं ठोस प्रयास नहीं किए गए।
उन्होंने पिछले सात साल में महिला कल्याण के लिए चलाई गई देशव्यापी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि देश की आधी आबादी जिस अधिकार को पाने के लिए आजादी के बाद से इंतजार कर रही थी, उनके वे अधिकार 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी ने दिलाए हैं।