अजमेर। राजस्थान रोडवेज की चक्का जाम हडताल शुक्रवार को 12वें दिन में प्रवेश कर गई। हडताल के चलते आमजन परेशान है, वहीं बसें नहीं चलने से रोडवेज को प्रतिदिन लाखों रुपए का घाटा उठाना पड रहा है।
राजस्थान रोडवेज कर्मचारी 27 जुलाई को सरकार से हुई वार्ता में मांग पत्र पर बनी सहमति के अनुरूप निर्णय को लागू किए जाने को लेकर गत 17 सितंबर से चक्का जाम आंदोलन किए हुए हैं। कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन देते हुए अजमेर शहर महिला कांग्रेस कमेटी ने भी एक दिन का धरना दिया।
कमेटी अध्यक्ष शबा खान ने कहा कि पूर्व में हुए समझौते को लागू किया ही जाना चाहिए। कर्मचारी हितों की अनदेखी करना भाजपा सरकार को भारी पडेगा। वार त्योहार पर भी सेवाएं देने वाले रोडवेज कर्मचारियों के प्रति सरकार की निष्ठुरता का ऐसा उदाहरण सिर्फ भाजपा के शासन में देखा जा रहा है।
रोडवेज नहीं चलने से पास धारक जरूरतमंद छात्र, वृद्ध, महिलाएं तथा विकलांग दर दर भटक रहे हैं। निजी परिवहन तथा लोक परिवहन सेवा में इन जरूरतमंदों को सुविधा नहीं दी जा रही। निजी बस संचालक मौके का फायदा उठाकर निर्धारित किराए से अधिक वसूली में लगे हुए हैं।