अजमेर। अखिल भारतीय सर्व शिक्षा अभियान कर्मचारी संघ के बैनर तले कलेक्ट्रेट के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठे सर्व शिक्षा अभियान से जुडे पूर्व लोक जुम्बिश कर्मचारी तीसरे दिन भी डटे रहे। दिन रात कलेक्ट्रेट के बाहर ही डेरा जमाए कर्मचारियों का कहना है कि इस बार आर पार की लडाई है। अब झांसे में नहीं आएंगे और अपना हक लेकर रहेंगे।
संघ के प्रदेश मंत्री बनवारी लाल मालव ने कहा कि 19 अप्रेल को वार्ता में दी गई सहमति तथा 24 अप्रेल की घोषणाओं को पांच माह बीत चुके हैं लेकिन सरकारी स्तर पर पालना का एक भी आदेश जारी नहीं किया गया है। संगठन ने समय समय पर सरकार का ध्यान भी आकृष्ट किया पर कोई परिणाम नहीं निकला। ऐसे में हमारे लिए आंदोलन का रास्ता बचा था।
कर्मचारी ग्रेच्युटी, निममितीकरण, सातवां वेतन आयोग के अनुरूप वेतन तथा पूर्व में प्रदत्त सरकारी सुविधाएं बहाल करने की मांग पर झुकने को तैयार नहीं हैं। शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी को सीधे तौर पर वादाखिलाफी का जिम्मेदार बताते हुए कर्मचारियों ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
क्रमिक अनशनकारियों का कहना था कि अनशन पर महिला कर्मचारियों की संख्या अधिक होने के बाद भी सरकार निष्ठुर हो रही है। प्रदेश की मुख्यमंत्री खुद महिला है इसके बावजूद महिला वर्ग की अनदेखी कर उन्हें इस तरह असुरक्षा के बीच आंदोलन को मजबूर होना पडा।