मुम्बई। मुंबई में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को लेकर इंस्पेक्टर दया नाइक का नाम हाई प्रोफाइल मनसुख हिरेन हत्या मामले में एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार करके गुत्थी सुलझाने में अहम किरदार के रूप में सामने आया है।
महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस)के अनुसार दया नाइक और उनकी टीम ने पूर्व कांस्टेबल विनायक शिन्दे और नरेश गोर को गिरफ्तार करके इस अपराध के प्रयोग किये गये अनेक साक्ष्यों को बरामद किया जिनमें मोबाइल फोन एवं सिमकार्ड भी शामिल है।
एटीएस सूत्रों के अनुसार गोर क्रिकेट के बल्ले का कारोबार करता है और उसने ही सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे और शिन्दे को सिमकार्ड दिये थे। शिन्दे पैरोल पर बाहर था और वाजे से संपर्क में था। इन दोनों अभियुक्तों को 30 मार्च तक एटीएस की रिमांड में भेजा गया है।
इस केस को सुलझाने वाली टीम को बधाई देते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक शिवदीप लांडे ने कहा है कि यह उपलब्धि सहयोगियों की दिन-रात की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने कहा, यह मेरे पुलिस कैरियर के सबसे जटिल मामलों में से एक था।
लांडे ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि वह दिन-रात मेहनत करके मनसुख हत्याकांड को सुलझा लेने और उनके परिजनों को न्याय दिलाने में मदद करने वाले अपने सहयोगियों को बधाई देते हैं। अति संवेदनशील मनसुख हत्या मामले का खुलासा कर लिया गया है।
गौरतलब है कि ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरेन की हत्या मामले में एटीएस ने फर्जी मुठभेड़ मामले के दोषी पूर्व कांस्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गोर को गत रविवार को गिरफ्तार किया था। मनसुख की हत्या करके शव कालवा क्रीक के निकट फेंक दिया गया था। उसका शव पांच मार्च को मिला था, उसके लापता होने की शिकायत परिजनों ने पांच मार्च को सुबह ही दर्ज करायी थी। मनसुख उस कार का मालिक रह चुका था जो उद्योगपति मुकेश अंबानी के निवास एंटीलिया के निकट पायी गयी थी। उस कार में विस्फोट सामग्री बरामद की गयी थी।