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दशहरा मेले में सिरोही पुलिस की जानलेवा अव्यवस्था, रोके अधिकारियों के वाहन - Sabguru News
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दशहरा मेले में सिरोही पुलिस की जानलेवा अव्यवस्था, रोके अधिकारियों के वाहन

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दशहरा मेले में सिरोही पुलिस की जानलेवा अव्यवस्था, रोके अधिकारियों के वाहन
सिरोही के दशहरा मैदान में नवीन भवन विद्यालय में जाने का मुख्यद्वार बंद होने के कारण रोकी गई अधिकारियों की गाडियां।
सिरोही के दशहरा मैदान में नवीन भवन विद्यालय में जाने का मुख्यद्वार बंद होने के कारण रोकी गई अधिकारियों की गाडियां।
सिरोही के दशहरा मैदान में नवीन भवन विद्यालय में जाने का मुख्यद्वार बंद होने के कारण रोकी गई अधिकारियों की गाडियां।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही पुलिस अभी भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सभी मार्ग बंद करने की अव्यवस्था भरी मानसिकता से बाहर नहीं निकल पाई है। दशहरा मैदान में मेले के दौरान ऐसी ही अव्यवस्था की जिससे दुर्घटना की स्थिति में लोगों की जान पर बन आती।

आश्चर्य तो यह कि पुलिस अधीक्षक भी वहां से निकल रहे थे, लेकिन इस अव्यवस्था पर उनका ध्यान नहीं गया। बाद में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी ने पुलिस अधीक्षक का वाहन रुकवाकर इस पूरी अव्यवस्था से अवगत करवाया।
दशहरा का मुख्य मेला नेहरू पेवेलियन में होता है। इसके एक तरफ नवीन भवन विद्यालय का प्रवेश है, जिसमें वाहनों की पार्किंग होती है, दूसरा रास्ता जेल रोड से खुलता है। जेल रोड वाला मार्ग वाहनों के लिए बंद कर रखा था। ऐसे में सभी वाहनों को नवीन भवन विद्यालय मैदान में खडा किया गया। इस मैदान से नेहरू पेवेलियन आने के लिए जो दो छोटे और एक बड़ा दरवाजा है।

मेले में जाने के लिए एक-एक करके लोग आ रहे थे तो छोटे दरवाजे से मेला मैदान में जाने में समस्या नहीं हुई। रावण दहन के बाद हजारों लोग एकसाथ छूटे। इनमें सत्तर प्रतिशत लोग को वाहनों से आए थे फिर से नवीन भवन विद्यालय मैदान में जाने लगे, लेकिन पुलिसिया अव्यवस्था की स्थिति यह थी कि उन्होंने इन सैंकड़ों लोगों को मैदान में जाने के लिए एक छोटा दरवाजा खोला, बड़े दरवाजे को बंद ही रखा।

ऐसे में बच्चे और महिलाएं भीड़ में दबने लगे। इस पर भी वहां खडे सिरोही के थानाधिकारी ने बड़े द्वार को नहीं खुलवाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खुद पुलिस अधीक्षक जय यादव थे। उनके साथ एडीएम आशाराम डूडी, सीईओ शुभम चैधरी भी कार्यक्रम में थे। अपनी गाडियों पर बत्तियां चमचमाते हुए और हूटर बजाते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के विपरीत वीआईपी कल्चर फाॅलो करते हुए इनके वाहन इस भीड को चीरते हुए निकलने की कोशिश में रहे।

भीड़ की हालत देखकर भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी ने यहीं पर पुलिस अधीक्षक के वाहन को रुकवाया और इस अव्यवस्था के अवगत करवाया। यह देख सिरोही कोतवाली के अधिकारी उनसे उलझ गए। पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप से यह बडा दरवाजा खुला तो मैदान से भीड़ बाहर हुई। पुलिस की यह जानलेवा अव्यवस्था आगजनी और भगदड़ की स्थिति में लोगों की जान पर भी बना सकती थी।

विवाद के बाद भाजपा पूर्व मंडल अध्यक्ष से बात करते सिरोही डीएसपी।
विवाद के बाद भाजपा पूर्व मंडल अध्यक्ष से बात करते सिरोही डीएसपी।

-जिन्होंने बताया था नेता को रावण वो राम बन पहुंचे
पिछले दशहरे पर नेहरू पेवेलियन में हुए हंगामे से कोई भूला नहीं होगा। उस समय भाटकड़ा गरबा मंडल विरोध पर उतारू था। राम, लक्ष्मण और देवताओं का स्वांग बनकर आने वाले इस गरबा मंडल ने मंच पर बैठे नेता को ही रावण बता दिया।

यहां जगदम्बा नवयुवक मंडल को अन्य गरबा मंडलों से ज्यादा सहयोग राशि दिए जाने का भी विरोध जताया गया। तब जगदम्बा नवयुवक मंडल ने स्थायी रूप से नगर परिषद से सहयोग राशि नहीं लिए जाने की पत्र दिया था। सिरोही शहर में 21 गरबा मंडल हैं।

अब तक इन्हीं के नेतृत्व में राम जुलूस शहर से होता हुआ नेहरू पेवेलियन पहुंचता है। इस बार शेष किसी गरबा मंडल ने नेहरू पेवेलियन के दशहरा कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया तो नेताओं को रावण बताने वाले गरबा मंडल के सदस्य राम बनकर पेवेलियन में पहुंचे और रावण दहन किया।

सिरोही के दशहरा आयोजन मैदान से नवीन भवन विद्यालय में जाने का बडा गेट जिसे विवाद के बाद खोला गया।
सिरोही के दशहरा आयोजन मैदान से नवीन भवन विद्यालय में जाने का बडा गेट जिसे विवाद के बाद खोला गया।

-उद्घोषक की उद्घोषणा पर हंसने लगे अतिथि

अत्यधिक बोलने की आदतें सिरोही में कई बार में सिरोही सार्वजनिक कार्यक्रमों में हास्यास्पद स्थिति में पहुंचा चुका है। दशहरा कार्यक्रम में भी यही हुआ। उद्घोषणा करते हुए राम, लक्ष्मण के साथ वह सीता को भी स्वागत के लिए पुकारने लगे।

गरबा मंडल ने बताया कि सीता नहीं है। अतिथि भी हंसने लगे कि भाई अभी सीता तो रावण के यहां होगी, वह राम के साथ युद्ध में कैसे आएंगी। इसके बाद बोलते बोलते मेघनाद को रावण का भाई बता दिए। फिर अतिथि दीर्धा के ठहाके लग गए।
-आतिशबाजी के बाद हुआ रावण दहन
सिरोही के नेहरू पेवेलियन में नगर परिषद के तत्वावधान में दशहरे का मुख्य आयोजन हुआ। इसमें दो आतिशबाजों के बीच आतिशबाजी का कम्पीटीशन हुआ। करीब आधे घंटे तक आतिशबाजी हुई। इसके बाद मेघनाद, कुम्भकर्ण और रावण के पुतलों का दहन हुआ। इसे देखने के लिए सिरोही शहर समेत आसपास के आधा दर्जन गांवों के सैकडों लोग आए थे।