जयपुर। आज हम आपको 60 और 70 दशक की हिंदी फिल्मों की मशहूर अदाकारा साधना के बारे में बताएंगे। उनकी हेयर स्टाइल, आज भी ‘साधना कट’ के नाम से जानी जाती है। चूड़ीदार-कुर्ता, शरारा, गरारा, कान में बड़े झुमके, बाली और लुभावनी मुस्कान यह सब साधना की विशिष्ट पहचान रही है। 25 दिसंबर 2015 को बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री साधना ने दुनिया को अलविदा कह दिया था।
साधना ने जो शोहरत कमाई वह किसी से छिपी नहीं है। रोमांटिक और रहस्यमयी फिल्मों के अलावा कला फिल्मों में भी उन्हें सराहा गया। साधना की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर हम आपको उनकी शोहरत और फिल्मी सफर के बारे में बताएंगे पूरी कहानी।
2 सितंबर 1940 को साधना का कराची में हुआ था जन्म
प्रसिद्ध भारतीय सिने अभिनेत्री साधना का जन्म 2 सितंबर 1941 को पाकिस्तान के कराची में हुआ था। इनका पूरा नाम साधना शिवदासानी था। साधना की मां लालीदेवी और पिता श्रीशेवाराम थे। एक बहन भी थी सरला, जो अब नहीं है।साधना के माता पिता वर्ष 1948 में विभाजन के पश्चात भारत आ गए, तब साधना मात्र 6 वर्ष की थी। 1958 में उन्होंने अपनी पहली सिंधी फिल्म अबाणा की। उस समय उनकी आयु 16 वर्ष की थी। अभिनेत्री शीला रमानी इस फिल्म की नायिका थी और साधना ने उनकी छोटी बहन का किरदार निभाया था। उनकी देवआनंद के साथ एक फिल्म ‘साजन की गलियां’ कुछ कारणों से थियेटर तक नहीं पहुंच सकी।
वर्ष 1955 में ‘श्री 420’ से हिंदी सिनेमा से हुई थी शुरुआत
साधना खूबसूरती और टैलेंट का बेजोड़ संगम थीं। उन्हें बचपन से ही हीरोइन बनने का शौक था। उन्हें पहला ब्रेक 1955 में आई फिल्म ‘श्री 420’ से मिला था। फिल्म हिट रही और इसमें साधना के काम को भी नोटिस किया गया। इसके बाद तो साधना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा कई फिल्में सुपरहिट दी। 60 और 70 के दशक में हिंदी सिनेमा की टॉप हीरोइनों में शुमार रहीं साधना के पीछे तब तक हर कोई रहा जब तक उन्होंने फिल्मी परदे पर राज किया।
यह रही साधना की सुपरहिट फिल्में
साधना की जो बेहद कामयाब फिल्में रही है उनमें लव इन शिमला, मेरे मेहबूब, प्रेम पत्र’, ‘एक मुसाफिर एक हसीना’, आरजू, वक्त, वो कौन थी, मेरा साया, आप आए बहार आई’, ‘राजकुमार’, ‘असली नकली’, हम दोनों, वंदना, अमानत, उल्फत, बदतमीज, इश्क पर जोर नहीं, परख, प्रेमपत्र, गबन, एक फूल दो माली, गीता मेरा नाम’ प्रमुखता से गिनाई जा सकती है। साधना के प्रमुख नायकों में जॉय मुखर्जी, देव आनंद, सुनील दत्त, मनोज कुमार, शम्मी कपूर, राजेन्द्र कुमार, राज कपूर, फिरोज खान, शशि कपूर, किशोर कुमार, संजय खान व वसंत चौधरी आदि का नाम आता है।
साधना के स्टाइल की लड़कियां दीवानी थी
लड़कियों के बीच चूड़ीदार सलवार का फैशन मशहूर करने का श्रेय साधना को ही जाता है। उनका हेयर स्टाइल साधना कट नाम से आज भी मशहूर है। इस हेयरकट की कहानी भी मजेदार है। दरअसल साधना ने अपने चौड़े माथे को छुपाने के लिए इस तरह का हेयर स्टाइल अपनाया कि उनके बाल माथे पर रहें। लेकिन ये स्टाइल इतना मशहूर हुआ कि 60 के दशक में तो हर लड़की साधना की तरह हेयर स्टाइल रखने की कोशिश करने लगी।
वर्ष 1966 में साधना ने आरके नय्यर से की थी शादी
साधना ने ‘लव इन शिमला’ के डायरेक्टर राम कृष्ण नय्यर से 1966 में शादी की थी। दोनों की मुलाकात फिल्म के सेट पर ही हुई थी। उस समय साधना सिर्फ 16 साल की थीं और नय्यर 22 साल के। साधना के पैरेंट्स उनकी शादी के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन राज कपूर की मदद से दोनों की शादी हो पाई। फिर अचानक ही साधना को बीमारियों ने जकड़ लिया। साधना को थॉयरॉइड की बीमारी हो गई जिसकी वजह से उन्हें एक्टिंग में भी तकलीफ होने लगी। इसके इलाज के लिए उन्होंने फिल्मों से कुछ ब्रेक लिया। उसके बाद नय्यर का निधन 1995 में हो गया था। दोनों के कोई बच्चे नहीं थे। पति की मौत के बाद वो अकेले रह गई थीं।
साधना का आखिरी समय बहुत ही कठिनाइयों से भरा रहा
कई वर्षों तक फिल्म इंडस्ट्रीज में अपनी खूबसूरती की वजह से लाखों दिलों पर राज करने वाली साधना काफी समय बहुत ही कठिनाइयों से भरा रहा। पति की मौत के बाद पूरी तरह से अकेली रह गई थी। वर्ष 1995 में साधना ने अपनी इच्छा से बॉलीवुड से संन्यास ले लिया था। धीरे-धीरे थायरॉइड की वजह से साधना की आंखों में भी परेशानी बढ़ गई और एक वक्त वो आया जब उन्होंने पब्लिक इवेंट्स, फंक्शन में जाना और फोटो तक खिंचवाना बंद कर दिया।
अपने अंतिम दिनों में भी साधना गुमनामी जैसी जिंदगी में ही रहीं। उनका कोई अपना करीबी था नहीं और गिरती सेहत और बाकी कानूनी कामों को संभाल नहीं पा रही थीं, जिसके चलते उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से मदद भी मांगी, लेकिन कोई आगे नहीं आया। गले के कैंसर से जूझ रही खूबसूरत अभिनेत्री साधना का आखिरकार 74 वर्ष की आयु में 25 दिसंबर 2015 को निधन हो गया।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार