जयपुर। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी आए दिन कोई न कोई ऐसा बयान देते रहते हैं जो कि बाद में भाजपा सरकार के लिए मुसीबत बन जाता है। पिछले कई वर्षों से सुब्रमण्यम स्वामी के पास कोई खास काम नहीं है। इसलिए कुछ ना कुछ बोलते ही रहते हैं। इस बार उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर एक बयान दिया है। स्वामी के इस बयान पर विपक्ष आक्रामक हो गया है। दूसरी ओर सुब्रमण्यम के विवाद पर सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है।
अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं है, रोजगार को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में जुटा है इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया है कि अगर ‘नोट पर लक्ष्मी की तस्वीर’ लगाएंगे तो अर्थव्यवस्था सुधर सकती है। इसी बयान पर बवाल मचा है और विपक्षी पार्टियां इस तर्क पर निशाना साध रहे हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी के बयान पर कांग्रेस ने कसा तंज
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर सुब्रमण्यम स्वामी पर तंज कसा। उन्होंने लिखा कि आपने सोचा था कि देश के इकॉनोमिस्ट अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कोई आइडिया देंगे, लेकिन वो नोट बदलने की बात करते हैं। माता लक्ष्मी इस तरह का काम करके अर्थव्यवस्था को ठीक कर देंगी, लेकिन फिर वित्त मंत्री क्या काम करेंगी। सोशल मीडिया पर सवाल ये भी उठाया जा रहा है कि जो सुब्रमण्यम स्वामी खुद को बेहतर वित्त मंत्री बताते थे, क्या वो इन फॉर्मूलों के साथ आगे बढ़ेंगे।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अर्थव्यवस्था पर पहले भी सवाल खड़े किए थे
सुब्रमण्यम स्वामी ने देश की अर्थव्यवस्था पर पहले भी सवाल खड़े किए हैं। इतना ही नहीं वो वित्त मंत्री पर भी निशाना साधते आए हैं। सुब्रमण्यम के बयान पर पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आपत्ति जताई थी और उनको हिदायत दी गई थी। बता दें कि एक कार्यक्रम में बुधवार को बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था, ‘इस पर प्रधानमंत्री मोदी जवाब दे सकते हैं। हालांकि जहां तक मेरी बात है, तो मैं इसके पक्ष में हूं।
भगवान गणेश बाधाओं को दूर करते हैं। मेरा तो यह कहना है कि धन की देवी लक्ष्मी की तस्वीर बैंक नोट में छापने से भारतीय करेंसी की स्थिति में सुधार हो सकता है। इस पर किसी को बुरा नहीं मानने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा सुब्रमण्यम स्वामी ने हवाला दिया कि इंडोनेशिया ने अपने यहां नोटों पर गणेश की फोटो लगाई है, जिससे उनको काफी फायदा हुआ है। ऐसे में भारत को भी कुछ ऐसा ही करना चाहिए।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार