सबगुरु न्यूज। सूर्य, बुध व वृहस्पति ग्रह वृश्चिक राशि में, शुक्र ग्रह तुला राशि में, मंगल ग्रह कुंभ राशि में, शनि ग्रह धनु राशि मे, राहू कर्क राशि में तथा केतु मकर राशि में भ्रमण कर रहे हैं। चन्द्रमा सिंह राशि से आगे बढेगा।
आकाशीय ग्रह सूर्य मंगल व शनि ग्रह में त्रिकोणीय मुकाबला चल रहा है। वृश्चिक राशि में सूर्य उत्तर दिशा जल तत्व में। मंगल ग्रह कुंभ राशि में पश्चिम दिशा और वायु तत्व में तथा शनि ग्रह पूर्व दिशा व अग्नि तत्व में मुकाबला कर रहे हैं।
इस मुकाबले में सूर्य व मंगल ग्रह दोनों ही शनि ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं। उत्तर में सूर्य व शनि ग्रह का द्वि दवादर्श योग में सूर्य अपनी मान प्रतिष्ठा को खो रहा है और मंगल ग्रह पश्चिम और वायु तत्व में शनि के घर कुंभ में बैठकर शनि ग्रह की तीसरी दृष्टि से पीड़ित होकर अपनी उग्रता खो रहे हैं।
शनि ग्रह गुरू के घर धनु ओर अग्नि तत्व में बैठ कर अपने तूफानी प्रकोप से आग फैला कर बलवान बने हुए हैं। 7 दिसम्बर को वृश्चिक राशि में गुरु ग्रह उदय होंगे और बुध 3 दिसम्बर से उदय होंगे और 6 दिसम्बर से मार्गी हो रहे हैं। सूर्य 2 दिसम्बर से जयेष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
वृहस्पति ग्रह व बुध ग्रह के उदय होने से एकदम प्राकृतिक प्रकोप बढ जाते हैं और वर्षा ओलावृष्टि, तूफान, भूकंप तथा मौसमी बीमारी को बढा देते हैं और एक नई स्थिति को जन्म दे देते हैं।
राहू अपनी पांचवी दृष्टि से सूर्य के शासन मंगल की सुरक्षा और बुध के वित्त को तथा वृहस्पति के खाद्यपदार्थों शिकस्त दे कर शनि का सहयोगी बन रहा है।
कुल मिलाकर शुभ ग्रह पाप प्रभाव में इस माह में रहेंगे जो आकाशीय मौसम को प्रभावित कर सकते हैं और धरना, प्रदर्शन, विरोध, अग्नि कांड, विस्फोट, आगजनी, आतंकवाद को बढा सकते हैं। फसलों को नष्ट कर सकते है और मौसमी बीमारियों को बढा सकते हैं। विशेष व्यक्ति की कमी कर सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्र की मैदनीय ज्योतिष संहिता की कुछ ऐसी ही मान्यता है। हकीकत में क्या होगा यह परमात्मा की बता सकता है। यह ग्रह चाल के संकेत है।
सौजन्य : ज्योतिषाचार्य भंवरलाल, जोगणियाधाम पुष्कर