रांची। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को चारा घोटाले में दोषी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद और 15 अन्य के खिलाफ सजा को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया है।
न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने जिला बार कौंसिल द्वारा दो वकीलों की मौत की सूचना देने के बाद सजा को स्थगित कर दिया। राजद प्रमुख के वकील ने बताया कि लालू प्रसाद और अन्य को बुधवार को सजा सुनाई जानी थी। लेकिन, इन मौतों पर शोक व्यक्त करने के बाद वकील अदालत में उपस्थित नहीं हुए।
इससे पहले लालू प्रसाद को बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल से केंद्रीय जांच ब्यूरो की अदालत लाया गया था, जहां से उन्हें फिर वापस जेल ले जाया गया। सीबीआई अदालत ने 23 दिसम्बर को लालू और 15 अन्य को इस कई लाख रुपये के घोटाले में दोषी करार दिया था।
लालू प्रसाद के वकील ने संवाददाताओं को बताया कि वह न्यूनतन सजा की मांग करेंगे। उनके मुताबिक राजद सुप्रीमो को तीन से सात साल जेल की सजा सुनाई जा सकती है। अगर उन्हें तीन साल की सजा मिलती है तो सजा की घोषणा के बाद जल्द ही उन्हें जमानत मिल जाएगी।
सीबीआई अदालत ने बिहार के अन्य पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और पांच अन्य को मामले में बरी कर दिया था। उन्हें 1990 से 1994 के बीच देवघर जिला कोषागार से अवैध तरीके से 84.5 लाख की निकासी के मामले में बरी किया गया।
लालू प्रसाद 1990 से 1997 तक अविभाज्य बिहार के मुख्यमंत्री थे। मामले की सुनवाई 13 दिसम्बर को पूरी हुई थी और सीबीआई अदालत ने 10 दिन बाद उन्हें दोषी करार दिया।
मामले में 34 आरोपी थे, जिनमें सुनवाई के दौरान 11 की मौत हो गई जबकि एक सीबीआई का इकबालिया गवाह बन गया और अपराध कबूल कर लिया।
16 दोषियों में तीन पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। उनके नाम फूलचंद मंडल, बेक जुलियस और महेश प्रसाद हैं। लालू प्रसाद चारा घोटाले से संबंधित तीन और मामलों में सुनवाई का सामना कर रहे हैं।
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