कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने 19 मई को लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण के लिए प्रचार के समय को कम करने और गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य और एडीजी/सीआईडी राजीव कुमार को हटाने के चुनाव आयोग के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया है कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर उठाया गया है।
बनर्जी ने अपने कालीघाट स्थित निवास पर प्रेस कांफ्रेंस में बुधवार को उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन पर निशाना साधते हुए कहा कि गलत काम करने वाले को सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारियों (अजय नाइक और विवेक दुबे) को पूरा अधिकार दे दिया गया अैर राज्य के आईएएस और अधिकारियों को मूकदर्शक बना दिया गया है। बनर्जी ने दावा किया कि इन दो सेवानिवृत्त अधिकारियों की नियुक्ति गैरकानूनी है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग, मोदी और अमित शाह को अब लोग मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्हें चुनाव में हराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग के इस कदम से बंगाल के लोगों का अपमान हुआ है। उन्होंने राज्यव्यापी विरोध- प्रदर्शन की घोषणा की।
बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग ने यह फैसला मोदी को लाभ पहुंचाने और अन्य को पश्चिम बंगाल में नौ सीटों के लिए होने वाले अंतिम चरण के चुनाव के मद्देनजर लोगों तक पहुंचने से रोकने के लिए किया है। मोदी की गुरुवार को बंगाल में दौ रैलियां हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा पूर्व-नियोजित थी। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि मोदी और शाह के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने दावा किया कि उप चुनाव आयुक्त ने यहां आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को धमकाया है।