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Decline in the female sex ratio in Rajasthan - Sabguru News
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राजस्थान में बालिका लिंगानुपात में एक प्रतिशत की गिरावट

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राजस्थान में बालिका लिंगानुपात में एक प्रतिशत की गिरावट
Decline in the female sex ratio in Rajasthan
Decline in the female sex ratio in Rajasthan

जयपुर। राजस्थान में बालिका लिंगानुपात में सात वर्ष से लगातार सुधार के बाद वर्ष 2019 में एक अंक की गिरावट दर्ज की गई है।

सामाजिक कार्यकर्ता राजन चौधरी ने आज बताया कि वर्ष 2018 में जीवित शिशु जन्म दर के अनुसार बालिका लिंगानुपात 948 था जो वर्ष 2019 में एक अंक घटकर 947 रह गया है। वर्ष 2018 में 13 लाख 55 हजार 486 बच्चे पैदा हुए थे जिनमें छह लाख 95 हजार 944 लड़के एवं छह लाख 59 हजार 542 लड़किया पैदा हुई थीं। 36 हजार 402 बेटियां लड़कों से कम पैदा हुई थीं। इसी तरह वर्ष 2019 में कुल 13 लाख 70 हजार 693 बच्चे पैदा हुए जिनमें सात लाख चार हजार 15 लड़के एवं छह लाख 66 हजार 678 बेटियां पैदा हुई। इनमें 37 हजार 337 बेटियां कम पैदा हुई। वर्ष 2018 में प्रतिदिन 100 बेटियां कम पैदा हुई थी वही वर्ष 2019 में प्रतिदिन 102 बेटियां कम पैदा हुई है।

उन्होंने बताया कि आंकड़ों का विश्लेषण करने पर सामने आया कि वर्ष 2019 में टोंक जिले में 65 अंकों की गिरावट आई है। अर्थात टोंक जिले में बेटियां की संख्या में गत वर्ष की तुलना में भारी कमी आई है। वर्ष 2018 में जीवित शिशु जन्म दर के अनुसार बालिका लिंगानुपात 956 था जबकि वर्ष 2019 में बालिका लिंगानुपात 891 है। वर्ष 2018 में टोंक जिले में 13 हजार 252 लड़के एवं 12 हजार 675 लड़किया पैदा हुई थीं, जबकि वर्ष 2019 में 13 हजार 232 लड़कों की तुलना में 11 हजार 793 लड़कियां पैदा हुई हैं। राज्य में सबसे अधिक गिरावट टोंक जिले में ही दर्ज की गई है। इससे पूर्व वर्ष 2014 में 963, वर्ष 2015 में 915, वर्ष 2016 में 992, वर्ष 2017 में 935 बालिका लिंगानुपात का रहा था।

वहीं टोंक जिले का वर्ष 2016 का बालिका लिंगानुपात 992 था जिसके अनुसार वर्ष 2019 की गिरावट 101 अंक तक हुई है। टोंक जिले मेंं लिंग जांच एवं चयन करने के आरोप में कई आरोपी पकड़े भी गए। टोंक के बाद चुरू जिले में गत वर्ष की तुलना में 30 अंकों की गिरावट आई है। वर्ष 2018 में जीवित शिशु जन्म दर के अनुसार बालिका लिंगानुपात 992 था जो वर्ष 2019 में घटकर 962 रह गया है। चूरू जिले का घटते लिंगानुपात में दुसरा स्थान रहा है। इसी तरह करौली जिले में 16 अंकों की कमी आई है जो तीसरे स्थान पर गिरावट दर्ज की गई है।

इसके अलावा जिन जिलों में बालिका लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है उनमें हनुमानगढ़ में 12 अंक, दौसा में 14 अंक, बारां में 11 अंक, धौलपुर में 10 अंक, सिरोही में 14 अंक व सीकर में 10 अंक सहित 18 जिलों में कमी आई है। वही श्रीगंगानगर जिले में वर्ष 2018 व 2019 में 937 अंक ही रहा है। लिंगानुपात में सबसे अधिक वृद्धि वाले जिलों में जैसलमेर एवं सवाईमाधोपुर जिले हैं जहां दोनों ही जिलों में 23 अंकों की वृद्धि हुई है। जैसलमेर में वर्ष 2018 में 936 अंक थे जो बढक़र 959 हो गए है वही सवाई माधोपुर में 23 अंक बढ़े है जहां 905 से बढक़र 928 अंक हुए है। दूसरे स्थान पर बीकानेर में 21 अंको की वृद्धि हुई है वर्ष 2018 में 953 था जो वर्ष 2019 में बढक़र 974 हो गया है। इसी तरह तीसरे स्थान पर प्रतापगढ़ में 19 अंको की वृद्धि हुई है।