अजमेर। राजस्थान के अजमेर में रेलवे के माल वाहक गलियारे (डेडिकेटिड फ्रेट कॉरीडोर) के लिए जिला प्रशासन ने सोमवार को रामगंज थाना क्षेत्र में सुभाष नगर गड़ीमालियान के मकानों को अवाप्त करने की कार्रवाई ने शुरू कर दी।
नगर दंडनायक अशोक कुमार योगी तथा उपखंड अधिकारी अंजलि राजोरिया की मौजूदगी में भारी पुलिस बल सुबह ही क्षेत्र में पहुंच गया और अवाप्तशुदा मकानों को खाली करने के लिए वहां के रहवासी करीब पचास मकानों पर कार्रवाई शुरू की लेकिन भारी विरोध के चलते क्षेत्र में स्थिति नाजुक बन गई।
इससे पहले पुलिस ने मकान बचाओ संघर्ष समिति के सचिव शक्ति सिंह को हिरासत में ले लिया। सचिव के हिरासत में लिए जाने के बाद क्षेत्र वासियों में आक्रोश बढ़ गया। मकानों में रहने वाली महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस डरा धमकाकर नियम विरुद्ध उनके मकानों को कब्जा कर तोड़ना चाहती है।
उन्होंने आराेप लगाया कि पुलिस वालों ने शराब पी रखी थी और मारपीट कर रहे थे। पीड़ित महिलाओं ने कहा कि वे चार पीढ़ियों से यहां रहते आए है और न्यायालय के आदेश के बावजूद प्रशासन केवल चार लाख रुपए पुनर्वास के नाम पर दे रहा है जो कि आज की महंगाई के युग में नगण्य है।
गौरतलब है कि रेलवे की माल वाहक योजना के लिए बन रहे नए रेलवे ट्रैक निर्माण में क्षेत्र के सुभाष नगर, गढीमलियान, सुंदर नगर क्षेत्रों के करीब पचास मकानों का अधिग्रहण किया जाना है। लेकिन स्वीकृत मुआवजे के बावजूद मकान मालिक मुआवजा लेने को तैयार नहीं जिसके चलते योजना को गति बनाने के क्रम में बीती रात से ही प्रशासन ने मकान निवासियों को बारह घंटे में मकान खाली करने के लिए पाबंद किया था जो समय आज सुबह पूरा हुआ। इसके बाद प्रशासन मौके पर कार्यवाही करने पहुंचा।
रेलवे फ्रेट कॉरीडोर योजना के लिए मकान तोड़ने की कार्यवाही रेलवे के कॉरीडोर निर्माण अधिकारियों व जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से शुरू कर दी है। नगर दंडनायक अशोक कुमार योगी ने बताया कि योजना को आगे बढ़ाने के लिए जमीनों की आवप्ति आवश्यक है। जिसके चलते योजना की जद में आ रहे 53 मकानों को प्रशासन के पीले पंजे ने तोड़ना शुरू कर दिया।
मौके पर चार जेसीबी एकसाथ मकानों को तोड़ने की कार्यवाही में जुटी रही। योगी ने कहा कि यह मामला कई वर्षों से लंबित है और जिन मकान मालिकों का नुकसान हो रहा है। उनके अवार्ड भी पास किए जा चुके हैं। वे चाहें तो तुरंत मुआवजा ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि अवाप्तशुदा जमीन के लिए कुछ मकान आंशिक तो कुछ मकान पूरी तरह से जमीदोंज किए जा रहे हैं।