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हाथरस घटना की आड़ में साजिश रचने वालों पर मुकदमों का जखीरा - Sabguru News
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हाथरस घटना की आड़ में साजिश रचने वालों पर मुकदमों का जखीरा

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हाथरस घटना की आड़ में साजिश रचने वालों पर मुकदमों का जखीरा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़िता की मौत के बाद विपक्षी दलों के आक्रामक तेवरों के बीच पुलिस ने माहौल बिगाड़ने की साजिश को लेकर 19 मामले दर्ज किए है।

पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि सोशल मीडिया के जरिये माहौल बिगाड़ने की साजिश को लेकर लखनऊ, बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर और प्रयागराज में 13 मामले दर्ज किये गये है जबकि अकेले हाथरस में छह मामले दर्ज है। इस सिलसिले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) समेत अन्य संगठनों की भूमिका की जांच की जा रही है।

अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था कुछ संगठनों ने हाथरस मामले की आड़ में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश की है जिनका पता लगाया जा रहा है। इसी प्रकार सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार कर भावनाएं भड़काने और सरकार को बदनाम करने की साजिश की गयी। इस मामले में आरोपियों को जल्द धर दबोचा जाएगा।

उन्होंने बताया कि हाथरस में कुछ राजनीतिक दलों ने कोविड 19 प्रोटोकान का उल्लघंन किया और भीड़ के जरिये माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। हाथरस पीड़िता के परिजनों को 50 लाख रुपए देने का प्रलोभन देने का भी प्रयास किया गया।

इन्हें लेकर हाथरस के चंदपा थाने में चार, सासनी कोतवाली में एक और थाना हाथरस गेट में एक मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमे जातीय उन्माद भड़काने, पुलिस पर हमला, यातायात बाधित करने, धारा 144 के उल्लंघन समेत अन्य धाराओं में दर्ज किए गए हैं वहीं मथुरा में कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन के कोषाध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों को शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

गौरतलब है कि बूलगाढ़ी गांव निवासी युवती की पिछले 29 सितंबर को मौत हो गयी थी। इस मामले में पुलिस ने सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि कार्य में शिथिलता बरतने के आरोप में जिले के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।

सरकार ने पीड़िता के परिवार को 25 लाख रूपए की आर्थिक सहायता के अलावा सरकारी नौकरी और आवास देने की घोषणा की है। सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है।

घटना के बाद कांग्रेस, सपा और आप समेत कई दलों के नेता पीडिता के परिवार से मिल चुके है। पुलिस का मानना है कि संवेदनशील घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची गई है ताकि प्रदेश में जातीय उन्माद भड्काया जा सके।