नयी दिल्ली । भारत के दीपक पुनिया को स्लोवाकिया के ट्रनावा में जूनियर विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में 86 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग के फाइनल में हारकर रजत से संतोष करना पड़ा और उनकी हार के साथ देश का इस प्रतियोगिता में 17 वर्षों के बाद स्वर्ण हासिल करने का सपना पूरा नहीं हो सका।
भारत को इस प्रतियोगिता में पिछले 17 वर्षों में पहले स्वर्ण पदक का इन्तजार था जो इस बार भी पूरा नहीं हो सका। भारत ने इस चैम्पियनशिप में आखिरी बार स्वर्ण पदक 2001 में बुल्गारिया के सोफिया में आयोेजित टूर्नामेंट में जीता था। उस टूर्नामेंट में भारत ने दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे। तब से भारत के हिस्से स्वर्ण नहीं आया है।
भारत ने इस बार प्रतियोगिता में चार रजत और तीन कांस्य पदक जीते जबकि पिछली प्रतियोगिता में भारत को तीनों वर्गों में एक-एक कांस्य पदक हासिल हुआ था। भारत ने फ्री स्टाइल में दो रजत, ग्रीको रोमन में दो रजत और एक कांस्य तथा महिला वर्ग में दो कांस्य पदक जीते।
भारत के दो ग्रीको रोमन और दो फ्रीस्टाइल पहलवान फाइनल में पहुंचे लेकिन कोई भी स्वर्ण पदक नहीं जीत सका। दीपक से पहले फ्री स्टाइल में नवीन 57 किग्रा वर्ग के फाइनल में हार गए थे। भारत को इस तरह प्रतियोगिता में फ्री स्टाइल वर्ग में दूसरा रजत और कुल चौथा रजत पदक हासिल हुआ। भारत ने इससे पहले ग्रीको रोमन में दो रजत पदक जीते थे।
दीपक पुनिया को 86 किग्रा वर्ग में तुर्की के आरिफ ओजेन से कड़े मुकाबले में 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। सचिन राठी को 74 किग्रा वर्ग के कांस्य पदक मुकाबले में रूस के डेविड बेतानोव से 1-11 से पराजय का सामना करना पड़ा। संजीत 92 किग्रा के रेपचेज में उतरे लेकिन तुर्की के एरहान येलासी से 6-7 से हारकर कांस्य पदक मुकाबले में पहुंचने से चूक गए।
इससे पहले महिला वर्ग में मानसी ने 57 किग्रा और अंशु ने 59 किग्रा में कांस्य पदक जीते थे। मानसी अब आगामी युवा ओलम्पिक खेलों में भारत का प्रतिनिधत्व करेंगी। भारतीय ग्रीको रोमन टीम ने पहले ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रतियोगिता में दो रजत और एक कांस्य पदक जीतकर इतिहास बनाया।