पेशावर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ मानहानि के मामले की सुनवाई उनके वकील के ना पहुंचने की वजह से तीन जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई। खान के खिलाफ उन्हीं की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ की पूर्व सांसद फौजिया बीबी ने 50 करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
पाकिस्तान के समाचार पत्र द डॉन के अनुसार अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश वलीउल्लाह हामिद हाशमी ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन जनवरी की तारीख मुकर्रर की है।
वकील हबीब कुरैशी ने न्यायालय के समक्ष कहा कि खान के वकील बाबर अवान उच्चतम न्यायालय में किसी मामले की सुनवाई को लेकर व्यस्ता हैं इसलिए वह न्यायालय के समक्ष पेश होने के लिए पेशावर नहीं आ सके हैं। फौजिया बीबी ने सीनेट चुनाव में उन पर खरीद फरोख्त के ‘आधारहीन’ आरोपों लगाये जाने को लेकर खान के खिलाफ मामला दर्ज कराया था और मानहानि के एवज में 50 करोड़ की क्षतिपूर्ति की मांग की है। उन्होंने गत जून में मानहानि अध्यादेश 2002 के तहत मुकदमा दायर किया था। मुकदमें में खान को एकमात्र प्रतिवादी बनाया गया है।
सुनवाई के दौरान अदालत में खान के वकील अवान की ओर से एक अपील दायर की गई जिसमें कहा गया कि खान ने इस संबंध में संवादाता सम्मेलन को खैबर पख्तुनख्वा में नहीं, बल्कि इस्लामाबाद में संबोधित किया था। फौजिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए समिति का गठन भी इस्लामाबाद में किया गया।
अवान ने अपील में यह भी कहा कि चूंकि पूरा मामला इस्लामाबाद में पेश आया इसलिए यह मामला वर्तमान न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। अभियोजन पक्ष के वकील सैयद गुफरानुल्लाह शाह ने कहा कि खान के वकील मामले को लटकाना चाहते हैं। उन्होंने अदालत से कहा खान की ओर से दायर खारिज किया जाए क्योंकि यह मामला न्यायालय के ही अधिकार क्षेत्र में आता है।
फौजिया खैबर पख्तूनख्वा की निर्वाचित सांसद थीं। खान का बयान फौजिया के सांसद रहते हुए दिया गया। उन्होंने कहा कि मानहानि कानून 2002 के तहत पेशावर न्यायालय मानहानि के इस मुकदमे की सुनवाई के लिए उपयुक्त अदालत है। फौजिया का आरोप है कि सीनेट चुनाव के बाद खान ने उनके खिलाफ आधारहीन, भ्रामक आरोप लगाते हुए बयानबाजी शुरू कर दी थी।