नई दिल्ली। कांग्रेस ने झारखंड में मंगलवार को नक्सली हमले में छह जवानों के शहीद होने की घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मोदी सरकार पर जवानों को बेहतर हथियार उपलब्ध नहीं कराने का आज आरोप लगाया और कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि सेना के पास मौजूद हथियारों में आठ प्रतिशत हथियार ही अत्याधुनिक है और 24 प्रतिशत सामान्य स्तर के हैं जबकि 68 प्रतिशत पुराने पड़ चुके हैं।
जवान जिन हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनमें कई किसी काम के नहीं है और विशेषज्ञ इन्हें संग्रहालय में रखने की सलाह दे रहे हैं लेकिन मोदी सरकार उन्हीं के बल पर सुरक्षा का दम्भ रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है और यही वजह है कि यह सरकार कई बार रक्षा मंत्री बदल चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शहीदों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी सरकार लगातार देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है इसलिए वह लगातार रक्षा बजट में कटौती कर रही है। उन्होंने कहा कि 2018-19 का रक्षा बजट जीडीपी का 1.58 प्रतिशत है और यह 1962 के रक्षा बजट से भी कम है।
प्रवक्ता ने कहा कि संसद की स्थायी समिति ने भी कहा है कि सेना की जरूरत को पूरा किया जाना चाहिए और सेना को उसकी जरूरत के मुताबिक अावंटन दिया जाना चाहिए। उन्होंने मोदी सरकार पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि सेना को पर्याप्त बजट नहीं दिया जा रहा है।
बजट की कमी के कारण जवानों के पास जरूरत के अनुरूप हथियार नहीं हैं। सरकार की इस नाकामयाबी की कीमत देश के सैनिकों तथा सुरक्षा बलों को जान देकर भुगतनी पड़ रही है।
चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार की नीति के कारण बड़ी संख्या में देश के जवान शहीद हो रहे हैं। हमारी सेना के जवान तथा अर्द्धसैनिक बलों के जवान देश की सुरक्षा के लड़ते हुए हर दिन शहीद हो रहे हैं लेकिन मोदी सरकार इस बारे में गंभीर नजर नहीं आ रही है।
वर्ष 2014 से अब तक जम्मू कश्मीर में 280 जवान शहीद हो चुके हैं और 2015 से 243 जवान नक्सली हमलों में शहीद हुए हैं। कल ही हमारे छह जवान नक्सली हमले में शहीद हो गए जिससे साबित होता है कि मोदी सरकार सुरक्षा तंत्र पर ध्यान नहीं दे रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री सैनिकों के लिए आधुनिक हथियारों की समस्या से अवगत हैं लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। संसदीय समिति की रिपोर्ट में भी इस पर चिंता जाहिर की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना ने सरकार से 33066.66 करोड़ रुपए की मांग की थी और 34209.01 करोड़ रुपए आधुनिकीकरण के लिए मांगे थे लेकिन वित्त मंत्रालय ने अतिरिक्त मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने मेक इन इंडिया को एक प्रचार का एक झुनझुना बताया और कहा कि इसके लिए पर्याप्त बजट आवंटन की व्यवस्था नहीं की गई है जिसके कारण कई योजनाएं जिस तरह से शुरू हुई थी उसी तरह से बंद होने की कगार पर है।