सिरोही/आबूरोड। सिरोही जिले की आबूरोड तहसील के देलदर मरुधरा ग्रामीण बैंक में मंगलवार को भी कई आदिवासी खाताधारकों को बिना लेन देन किए निराश लौटना पडा।
लंबी दूरी से आते हैं आदिवासी
भाखर क्षेत्र में बैंक नहीं होने से 24 गांवों के आदिवासी देलदर स्थित मरुधरा ग्रामीण बैंक पर ही निर्भर हैं। यह बैंक बुजा से 20 किलोमीटर, उपलीबोर से 25, भामरियों से 24, रणोरा से 22, दानाबोर से 20 किलोमीटर दूरी पर है। इसी तरह उपला टांकिया, जायदरा, उपलाखेजडा, पाबा, उपलागढ, निचलीबोर, राडा, निचलागढ, निचलाखेजडा, क्यारी आदि के खाताधारकों को भी 20 किमी की दूरी तय कर पहुंचना होता है।
आए दिन खाली हाथ
दानबोर से पेंशन लेने आए आदिवासी नाना, काला बिरमा, छतरी, रेशमी ने बताया कि हम पांच दिन से आ रहे हैं। आने जाने के किराए में ही 100 से 200 रुपए दैनिक खर्च हो गए हैं। बैंक में इतनी भीड रहती है कि हर रोज आने के बाद भी पैसा नहीं मिलने से फाकाकाशी का शिकार होना पड रहा है। जेब में जो किराया भाडा था वह भी खर्च हो गया है।
बैंक प्रबंधन करता है पक्षपात
आरोप है कि यहां पर 90 फीसदी निरक्षर खाताधारक हैं। वे अंगूठा लगाकर ही विड्रोअल करते हैं। बैंक प्रबंधन वेशभूषा देखकर कई बार पक्षपात करने से नहीं चूकते। वे मशीन से एन्ट्री नहीं कर पेंसिल से लिख रहे हैं जिस वजह से प्रबंधन पर अविश्वासनीयता की उंगली उठ रही है।