नई दिल्ली। दिल्ली चुनावों में मिली करारी हार के बाद अमित शाह ने जो कहा उसे दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी दोहराया है। इंडियन एक्सप्रेस के खास कार्यक्रम आइडिया एक्सचेंज में उन्होंने कहा है कि नफरत भरे बयानों और भाषणों से उनकी पार्टी को चुनावों में बड़ा नुकसान हुआ है।
तिवारी ने कहा कि जो लोग नफरत फैलाने वाले भाषण देते हैं, उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के चुनाव में भागीदारी के कानूनी अधिकार भी छीन लिए जाने चाहिए। तिवारी ने कहा कि उनकी पार्टी हार के कारणों की समीक्षा कर रही है कि क्यों अनुमान के मुताबिक चुनावों में सीटें नहीं मिल सकीं? तिवारी ने कहा कि 2013 में हमने 33 फीसदी वोट शेयर के साथ 32 सीटें जीती थीं।
इस बार हमारा आंकलन था कि अगर 38 फीसदी वोट शेयर मिला तो हमारी सीटें 36 के ऊपर जा सकती हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तिवारी ने कहा कि बावजूद इसके 2015 से 2020 में चुनावी परिदृश्य एकदम बदल सा गया क्योंकि ये चुनाव दो तरफा हो गया। कांग्रेस इस चुनाव में 9 फीसदी वोट से खिसक कर मात्र 4.2 फीसदी पर आ गई। बीजेपी सांसद परवेश वर्मा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कहने पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का उनके बचाव में उतरने के सवाल पर तिवारी ने कहा कि उन्होंनेे इसकी (भाषण) निंदा की है और चुनावों से पहले ऐसा किया।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने भी इसकी निंदा की है। हमारे संविधान में गद्दारों (राष्ट्र-विरोधी) को दंडित करने के प्रावधान हैं और मुझे उन पर पूरा भरोसा है। तिवारी ने कहा, जावड़ेकर उनके पास बैठे थे और उन्होंने ऐसा किया था लेकिन मेरे पास यहां बताने के लिए दो बिंदु हैं। संदर्भ चाहे जो भी रहा हो, वह घृणास्पद भाषण था और हमारी पार्टी को उसके कारण बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा। हमने उस भाषण की निंदा की थी और आज भी कर रहा हूं।
जब मनोज तिवारी से पूछा गया कि पिछले साल दिसंबर में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली के कनॉट प्लेस में सीएए के समर्थन में एक रैली निकाली, जहाँ वो और उनके समर्थक ‘गोली मारो’ का नारा बुलंद कर रहे थे तो तिवारी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि ऐसे नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों को स्थायी रूप से हटा दिया जाए।
हम लोगों को एक ऐसी प्रणाली शुरू करनी चाहिए, जहां नफरत फैलाने वाले भाषण देने वाले लोग अपना कानूनी अधिकार (चुनाव लडऩे के लिए) खो दें। उन्होंने कहा, अगर इस तरह की व्यवस्था लागू की जाती है, तो वे व्यक्तिगत तौर पर (पार्टी अध्यक्ष के रूप में नहीं) इसका समर्थन करेंगे। तिवारी ने कहा कि इस संदर्भ में ओखला विधायक अमानतुल्ला खान या हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भाषणों का भी परीक्षण किया जाना चाहिए। हमारा देश सबसे सुंदर देश है।