नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो के आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान और अन्य को दिल्ली वक्फ बोर्ड की अनियमितताओं के मामले में 23 नवंबर को पेश होने के लिए शुक्रवार को नोटिस जारी किया।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने इस मामले का संज्ञान लेने के बाद कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश के लिए सजा) और अन्य धाराओं के तहत दंडनीय आपराधिक साजिश के अपराध के लिए 11 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार हैं।
अदालत ने कहा कि इस मामले में चार्जशीट किए गए उपरोक्त सभी आरोपी लोगों के खिलाफ इस अदालत द्वारा कथित अपराधों का संज्ञान लिया जाता है और उन सभी को अगली तारीख के लिए तलब करने का निर्देश दिया जाता है। मामले की जांच के दौरान उनमें से किसी को भी जांच अधिकारी (आईओ) की ओर से गिरफ्तार नहीं किया गया है। इसलिए, 23 नवंबर को पेश होने के लिए उनके समन को जाने दें।
इस मामले में सीबीआई ने खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड में प्रावधानों के उल्लंघन और अध्यक्ष पद का दुरुपयोग कर अवैध नियुक्तियां करने का आरोप लगाया है। सीबीआई ने आरोप लगाया कि खान ने आलम को सीईओ के पद पर नियुक्त किया जो गलत या अवैध नियुक्ति थी। आप नेता पर भ्रष्टाचार विरोधी शाखा (एसीबी) ने वक्फ बोर्ड में अनियमितताओं का भी आरोप लगाया गया है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इस मामले में खान, आलम और अन्य नौ आरोपी लोगों के बीच रची गई आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने के लिए नियुक्तियां की गई हैं, जिन्हें दिल्ली वक्फ अधिनियम, 1995 और नियमों और नियमों में निहित प्रावधानों के खिलाफ विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया।
आरोप है कि नियुक्तियां मनमाने ढंग से की गई थी और कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना तथा उपरोक्त नियुक्त अभियुक्तों के लिए निर्धारित पारिश्रमिक भी उच्च स्तर पर था।