नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में आठ घंटे की पूछताछ के बाद रविवार को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक सिसोदिया को पूछताछ के दौरान कथित तौर पर सहयोग नहीं करने पर सीबीआई ने गिरफ्तार किया है।
इससे पहले दिन में मनीष सिसोदिया दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं के संबंध में पूछताछ के लिए 11 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे थे। सीबीआई मुख्यालय जाने से पहले वह महात्मा गांधी (बापू) की समाधि राजघाट गए थे। वहां उन्होंने आप के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं जेल जाऊं तो पछताना नहीं, गर्व करना। लाखों मनीष सिसोदिया पैदा होंगे, देखते हैं मोदी जी कितने लोगों को रोकते हैं।
सीबीआई दफ्तर जाने से पहले सिसोदिया ने ट्वीट किया कि आज फिर सीबीआई जा रहा हूं। जांच में पूरा सहयोग करूंगा। लाखों बच्चों का प्यार और करोड़ों देशवासियों का आशीर्वाद हमारे साथ है। कुछ महीने जेल में रहना पड़ेगा। ऐसे झूठे आरोपों के कारण जेल जाना छोटी बात है। सूत्रों के अनुसार सिसोदिया को कल अदालत में पेश किया जा सकता है।
आबकारी घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिकिया व्यक्त की है और इसे बदले की राजनीतिक द्वेष की भावना से प्रेरित बताया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि एक शिक्षा मंत्री को आबकारी नीति के लिए गिरफ्तार किया गया। यह एक आश्चर्य जनक और हतप्रभ करने वाला मामला है। मनीष सिसोदिया ने बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया है।
सिसोदिया की गिरफ्तारी पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी के संस्थापक संस्थापक सदस्य और एक अच्छे शिक्षा मंत्री को झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह मनीष सिसौदिया की गिरफ्तारी नहीं लाखों बच्चों के भविष्य की और उच्च शिक्षा की अवमानना है। स्कूल बनाने वाले को जेल भेजना सिफ भाजपा का एजेंडा हो सकता है।
आप के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने ट्वीट किया मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी तानाशाही की इंतेहा है। आपने एक नेक इंसान और सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर के अच्छा नहीं किया मादी, भगवान भी आप को माफ नहीं करेगा। एक दिन आप की तानाशाही का अंत जरूर होगा।
यह मामला मुख्यमंत्री केजरीवाल सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति से जुड़ा में गड़बड़ी से जुड़ा है। आरोप है कि इसे कुछ चहेते आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों को फायदा दिलाने के लिए आबकारी नीति बनाई गई थी जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ।
दिल्ली के मुख्य सचिव ने एक रिपोर्ट में इस नीति में गड़बड़ी की एक सूची तैयार की थी इसके आधार पर यह मामला दिल्ली के उप राज्यपाल के द्वारा जुलाई 2022 में जांच के लिए सीबीआई तक पहुंचा है। सीबीआई इस संबंध में कुछ व्यक्तियों और फर्मों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर कर कई गिरफ्तारियां पहले ही कर चुकी है।
सिसोदिया आबकारी विभाग के प्रभारी हैं। सरकार ने यह नीति नवंबर 2021 में लागू की थी जिसमें दिल्ली को शराब की लाइसेंस की दुकानों के लाइसेंस के लिए 32 जोन में बांट कर कारोबार को पूरी तरह निजी हाथों में सौप दिया गया था।
इस नीति के पक्ष में कहा गया था कि इससे शराब कारोबार में माफिया राज समाप्त होगा तथा राजस्व बढ़ेगा। इसके तहत कुल करीब साढे आठ सौ दुकानों को लाइसेंस दिए गए थे और शराब की बिक्री खुब बढ़ गई थी लेकिन राजस्व का भारी नुकसान हुआ।
राजस्व के नुकसान की बाद पिछले वर्ष जुलाई में दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल के एक नोट में स्वीकार की गई थी। बढ़ती आलोचनाओं और मामला सीबीआई के पास जाने के बाद दिल्ली सरकार ने नयी आबकारी नीति को वापस लेकर एक सितंबर 2022 से पुरानी आबकारी नीति को लागू कर दिया।