नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून को लेकर प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्र सरकार के द्वारा लागू किए गए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग पर 15 दिसंबर से प्रदर्शन हो रहा है। यहां पर हजारों की संख्या में महिलाएं, स्टूडेंट और अन्य प्रदर्शनकारी लगातार डटे हुए हैं। यहां बीते दिनों से कुछ विपक्षी नेता भी लगातार प्रदर्शनकारियों के पास जाकर वहां पर संबोधन कर रहे हैं।
दिल्ली चुनाव का शाहीन
सबसे बड़ी मुश्किल दिल्ली विधानसभा के होने वाले चुनाव की है। सही मायने में कोई भी राजनीतिक दल नहीं चाहता कि चुनाव के दौरान शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी डटे रहें। दूसरी लोग इस प्रदर्शन से दिल्ली के हजारों लोग परेशान हैं कारण यह है कि कई मार्ग भी बंद हो गए हैं। इससे लोगों को आने-जाने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रदर्शन की वजह से दिल्ली से नोएडा जाने वाला रास्ता जाम है। और इसी समस्या पर दिल्ली हाईकोर्ट में जब मामले की सुनवाई हुई तो अदालत ने प्रशासन को कानून के मुताबिक काम करने को कहा है। यहां उमड़ रही भीड़ सबसे ज्यादा केंद्र सरकार के लिए किरकिरी बन चुकी है। देशभर से लोग अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए शाहीन बाग की ओर अपना रुख कर रहे हैं।
भाजपा सांसद की अपील का नहीं हुआ कोई असर
नई दिल्ली से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि शाहीन बाग के लोग खुद ही घर चले जाएं तो बेहतर है। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि प्रदर्शन की वजह से शाहीन बाग के लोगों की परेशानी बढ़ रही है और वे नाराज हो रहे हैं। इसलिए अच्छा होगा कि प्रदर्शनकारी अब घर चले जाएं। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एक महीने से प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी शाहीन बाग में बीच सड़क पर 24 घंटे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़क से हटने के लिए तैयार नहीं हैं।
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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार जब तक नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लेगी हम सड़क से नहीं हटेंगे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे। भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल नागरिकता कानून के मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
शाहीन बाग में महिला प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ बनी मुसीबत
शाहीन बाग में महिला प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ मौजूद है। इससे भी पुलिस प्रशासन को भारी दिक्कत हो रही है। इलाके की महिलाएं ही इस प्रदर्शन की नुमाइंदगी कर रही हैं। महिलाओं का जत्था कुछ-कुछ देर के लिए आता है और धरना देता है। हर किसी के आने का वक्त तय है।
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प्रदर्शन कर रही महिलाओं की मांग है कि जेल में कैद किए गए लोगों को छोड़ा जाए औप बेगुनाहों को पुलिस न फंसाए। हालांकि लंबे वक्त से चल रहे प्रदर्शन के चलते स्थानीय लोग और व्यापारियों को भारी परेशानी भी हो रही है। रास्ता बंद होने से लोगों में नाराजगी भी है।
कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर ने केंद्र सरकार पर लगाए आरोप
अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने विवादित बयान दिया है। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही महिलाओं का समर्थन करने के लिए दिल्ली के शाहीन बाग पहुंचे अय्यर ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को ‘हत्यारा’ कहा। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं उन बलिदानों के लिए तैयार हूं, जो हमसे मांगे जा जा रहे हैं। हम देखेंगे कि किसका हाथ मजबूत हैं। अय्यर ने कहा कि सरकार वास्तविक मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर आई है, क्योंकि वह अर्थव्यवस्था की हालत को सुधारने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को वास्तविक नागरिकों से प्रमाण मांगने का अधिकार नहीं है।
चुनाव आयोग की भी बढ़ी टेंशन
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया और शाहीन बाग में चल रहे विरोध से दिल्ली चुनाव आयोग की टेंशन बढ़ गई है। आयोग के अफसरों का कहना है कि धरने की वजह से वोटिंग के दिन मतदान केंद्र तक जाने वाले मतदाताओं के प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में उस इलाके पर खास नजर रखी जा रही है। वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि धरने पर बैठे लोगों को समझाया जा रहा है, ताकि वे वहां से हट जाएं। दिल्ली चुनाव आयोग के अफसरों का कहना है कि किसी भी पोलिंग स्टेशन को संवेदनशील या अतिसंवेदनशील घोषित करने के कुछ नियम होते हैं। इसमें अगर किसी व्यक्ति विशेष के चलते मतदान प्रभावित हो रहा है या प्रभावित होने की आशंका है, तो ऐसे लोगों पर नजर रखी जाती है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार