नयी दिल्ली | हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 40 वर्षों के बाद यमुना में सबसे अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में बाढ़ के संभावित खतरों का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में सोमवार को संबंधित विभागों के साथ उत्पन्न होने वाली स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया।
केजरीवाल ने बैठक के बाद बताया कि रविवार को हथिनीकुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस पानी को दिल्ली पहुंचने में 36 से 72 घंटे का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ बाढ़ की संभावित स्थिति पर चर्चा हुई और हिदायत दी गई है कि जान माल का नुकसान नहीं हो इसके लिए हरसंभव उपाय किए जायें।
मुख्यमंत्री ने कहा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज यमुना का जल स्तर 205.33 मीटर के खतरे को पार कर जायेगा। वर्ष 2013 में 8.06 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया था जिससे जलस्तर 207.32 मीटर तक पहुंच गया था ।
केजरीवाल ने कहा कि यमुना की तलहटी में बसें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने तलहटी में बसे लोगों से कहा कि वह घबरायें नहीं और सुरक्षित स्थानों पर चले जायें। प्रशासन ने लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके रहने के लिए बड़ी संख्या में टेंटों का प्रबंध किया है। कुल 23860 लोगों को निकालाना है। इनके लिए 2120 तंबुओं का प्रबंध किया गया है और आज शाम सात बजे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटे खतरे वाले हैं लेकिन प्रशासन दिन-रात किसी भी स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद है। पानी आज मध्य रात्रि और बुधवार तक पूरी रफ्तार के साथ दिल्ली पहुंच सकता है।
प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति में किसी प्रकार की सहायता के लिए दो टेलीफोन नंबर 01122421656 और 011 21210849 भी जारी किए हैं ।