नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की मुश्किलें अब बढ़ जाएंगी। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने अब उनके खिलाफ देशद्रोह केस में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार के बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ चुके कन्हैया पर देशद्रोह का मामला चलाने को लेकर केजरीवाल सरकार की ओर से अनुमति नहीं देने पर पिछले विधानसभा चुनाव में भी बहुत बवाल मचा था।
कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की इजाजत देने संबंधी फाइल दिल्ली सरकार के गृह विभाग के पास पड़ी हुई थी। श्री कुमार पर 2016 के फरवरी महीने में जेएनयू परिसर में लगे भारत विरोधी नारे और नफरत फैलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने करीब साल भर पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया था। पुलिस ने कुमार पर देशद्रोह समेत आठ धाराएं लगाई हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने कुमार के अलावा जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, अनिर्बान और सात अन्य लोगों के खिलाफ पिछले साल 14 जनवरी को देशद्रोह, दंगा भड़काने और आपराधिक साजिश के तहत आरोपपत्र दायर किया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से मुकदमा चलाने की इजाजत मांगी थी।
इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमीत आनंद की कोर्ट में 1200 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया था। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं और जेएनयू के सुरक्षाकर्मियों को गवाह बनाया गया है।
इस मामले में हाल ही में दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को स्टैटस रिपोर्ट मांगते हुए निर्देश दिया था कि वह दिल्ली सरकार को इस मामले में रिमाइंडर भेजे और उसने तीन अप्रेल को सुनवाई के लिए अगली तारीख तय कर दी थी।
इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया दी थी कि वह इस मामले में अपनी सरकार से जल्द फैसला लेने को कहेंगे। पिछले दिनों दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान भी इस मुद्दे पर भाजपा और आम आदमी पार्टी ने एक-दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्यारोप लगाए थे।