नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता सुधारने तथा प्रदूषण के खिलाफ जंग जीतने के लिए दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारों की रोजमर्रा की बिजली जरूरतें पूरी करने के लिए एक मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना शुरू की गई है, जिससे गुरुद्वारों में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण प्रदान किया जा सके और हवा में कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन को रोका जा सकेगा।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार मंजीत सिंह जीके ने बताया कि शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी के तीन ऐतिहासिक गुरुद्वारे -बांग्ला साहिब, गुरुद्वारा रकाब गंज तथा गुरुद्वारा नानक पियायु- को हरित ऊर्जा से बिजली प्रदान करने के लिए एक मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का फैसला किया गया, जिसकी अरदास अगले सप्ताह बंगला साहिब में की जाएगी तथा सौर ऊर्जा परियोजना का कार्य 31 मार्च, 2018 तक पूरा कर इन तीनों गुरुद्वारों में स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से ताजी हवा प्रदान की जाएगी।
जीके ने कहा कि इससे प्रतिदिन 4,000 यूनिट तथा वार्षिक 13 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिससे इन गुरुद्वारों की अधिकतम बिजली जरूरतें पूरी की जा सकेंगी।
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यह परियोजना सौर ऊर्जा की प्रतिष्ठित कंपनी एस. ए. ई. एल. लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित की जा रही है, जिसका चयन खुली राष्ट्रीय निविदा के आधार पर देश की 50 अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कंपनियों में से न्यूनतम दरों के आधार पर किया गया।
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जीके ने बताया, “बाकी सिख संस्थाओं को सौर ऊर्जा के अंतर्गत लाने तथा दिल्ली के सभी ऐतिहासिक गुरुद्वारों में स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने के लिए सौर ऊर्जा परियोजना की क्षमता को एक मेगावाट से बढ़ा कर दो मेगावाट कर दी जाएगी।”
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