नई दिल्ली। भारतीय राजनीति के दिग्गज राजनेताओं में शुमार एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को दिल्ली हाई कोर्ट से बुधवार को बड़ा झटका लगा। अदालत ने स्वामी से छह सप्ताह के अंदर सरकारी आवास को खाली की उसे संपत्ति अधिकारी को सौंपने का आदेश दिया है।
अदालत में सुनवाई के दौरान स्वामी को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि उनके सरकारी बंगले का कब्जा छह सप्ताह की अवधि के भीतर संपत्ति अधिकारी को सौंप दिया जाए।
गौरतलब है कि केंद्र ने खतरे की आशंका को देखते हुए स्वामी को 15 जनवरी 2016 को पांच साल की अवधि के लिए सरकारी आवास आवंटित किया था। स्वामी का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2022 में समाप्त होने पर उन्होंने सुरक्षा के खतरे को देखते हुए बंगले के दोबारा आवंटन की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।
केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि केंद्र समय-समय पर समीक्षा के अधीन स्वामी को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करना जारी रखेगा, लेकिन यह संभव नहीं होगा कि उन्हें बंगला फिर से आवंटित किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वामी के पास अपना घर है जिसमें जाकर वह रह सकते हैं और स्वामी की सुरक्षा के लिए संबंधित सुरक्षा एजेंसियां उस परिसर में सभी प्रकार की व्यवस्था करेगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सुनवाई करते हुए कहा कि वास्तविक आवंटन पांच वर्षों के लिए किया गया था जो अब समाप्त हो चुका है और स्वामी की ओर से ऐसी कोई सबूत नहीं दिया गया है जिससे पता चले कि जेड श्रेणी की सुरक्षा के लिए सरकारी आवास जरूरी है। याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता स्वामी को निर्देश दिया कि वह छह सप्ताह के अंदर सरकारी आवास को खाली करें और इसे संपत्ति अधिकारी का सौंपे।