नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे एवं लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा पशुपति कुमार पारस को सदन में पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता देने को चुनौती दी थी।
न्यायालय ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह स्पष्ट रूप से तय है कि सदन के आंतरिक मामलों को सुलझाने का अधिकार स्पीकर का है। इस याचिका का कोई आधार नहीं है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि मुझे इस याचिका का कोई आधार नजर नहीं आ रहा। याचिका खारिज की जाती है।
अदालत इस मामले में चिराग पासवान पर जुर्माना लगाना चाहती थी लेकिन उनके वकील के अनुरोध के बाद ऐसा नहीं किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद से चिराग पासवान का लोजपा का नेतृत्च करने को लेकर अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ विवाद चल रहा है। पारस को बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विस्तारित मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री बनाया गया।