नयी दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी पूर्व सांसद सज्जन कुमार की आत्मसमर्पण के लिए 30 दिनों का समय दिये जाने संबंधी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
सज्जन कुमार ने अपनी याचिका में समर्पण के लिए यह कहते हुए 31 जनवरी तक की मोहलत मांगी थी कि उसके तीन बच्चे और आठ नाती-पोते हैं तथा उनके लिए अपनी संपत्ति संबंधी मामले का निपटारा जरुरी है।
न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की खंडपीठ ने 17 दिसंबर को वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में सुनवाई के बाद श्री कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और उन्हें 31 दिसंबर तक न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।