नई दिल्ली। INX मीडिया केस (INX Media case) में जेल में बंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी खारिज हो जाने से उन्हें अभी तिहाड़ जेल में ही रहना होगा।
बता दें, सीबीआई ने चिदंबरम को जमानत देने का विरोध किया था। हाई कोर्ट ने कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। आपको बता दें कि चिदंबरम तिहाड़ जेल में बंद हैं और अब बेल लेने की कोशिश कर रहे है, लेकिन एक बार फिर उनकी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्हें जेल में ही रहना होगा।
यह मामला 2007 का है जब आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रूपए के विदेशी निवेश को हासिल करने में एफआईपीबी मंजूरी मामले में अनियमितताएं बरती गई थी। उस समय चिदंबरम वित्त मंत्री पद पर थे। इस मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। प्रवर्तन निदेशालय ने भी इसी संदर्भ में 2017 में धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
इस मामले मेें केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने चिदंबरम को उनके जोर बाग स्थित आवास से 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और वह इस समय तिहाड़ जेल में हैं।
इस मामले में बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जो भी त्वरित अदालती कार्यवाही की जा रही है वह दुर्भावना से प्रेरित है और राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है तथा इसका मकसद उनके मुवक्किल की छवि को बदनाम करना है।
उन्होंने कहा कि आएएनएक्स मामले में एफआईपीबी मंजूरी छह सचिवों का सामूहिक फैसला था और इसमें एफआईपीबी यूनिट और आर्थिक मामलों के विभाग के अनेक अधिकारी शामिल थे।
इस बीच अभियोजन पक्ष ने कहा कि अगर जमानत दी जाती है तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं अथवा गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। उनकी जमानत याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति कैत ने कहा कि इस बात की संभावना है कि चिदंबरम गवाहाें को प्रभावित कर सकते हैं।