नई दिल्ली। नागरिक संशोधन कानून (CAB) के खिलाफ रविवार को दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) के छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया। रविवार शाम प्रदर्शनकारियों ने तीन बसों को आग के हवाले कर दिया। वहीं दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद पुलिस ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसे होने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया।
वहीं जामिया के छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने यूनिवर्सिटी में घुसकर उनसे मारपीट की। इसके विरोध में जामिया छात्रों ने दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने इस मामले में करीब 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया। जामिया के सभी छात्रों की रिहाई के बाद तड़के साढ़े चार बजे विरोध प्रदर्शन खत्म हुआ।
खबरे है कि धरना प्रदर्शन का आह्वान छात्रों ने नहीं किया था बल्कि आस-पास के रिहायशी इलाकों के लोगों ने किया था। इसके बाद सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्च कर भीड़ को खदेड़ा।
दूसरी तरफ इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस जमकर मोदी सरकार को हमला बोल रही है। कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया “जामिया मिल्लिया में निर्दोष छात्रों के साथ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की मैं कड़ी निंदा करता हूँ। मैं सभी से संयम बरतने और शांति बनाये रखने की अपील करता हूं।” उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा गृह मंत्रालय से मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर स्थिति का शांतिपूर्ण हाल निकालने का आग्रह किया है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में कहा, “देश के विश्वविद्यालयों में घुस घुसकर छात्रों को पीटा जा रहा है। जिस समय सरकार को आगे बढ़कर लोगों की बात सुननी चाहिए, उस समय भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार पूर्वाेत्तर, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में विद्यार्थियों और पत्रकारों पर दमन के जरिए अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है।”