नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति-2021-22 में कथित अनियमितताओं में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज मामले में एक विशेष अदालत ने मनीलॉन्ड्रिंग के आरोपी आदमी पार्टी (आप)के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
राउस एवेन्यू स्थित एमके नागपाल की विशेष अदालत ने ईडी के विरोध बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने 18 अप्रैल को जमानत याचिका पर संबंधित पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले, इसी अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने 26 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद है। विशेष अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में 31 मार्च को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां यह मामला लंबित है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को सीबीआई ने लंबी पूछताछ के बाद 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। बाद में सिसोदिया को विशेष अदालत में पेश किया गया था, जहां उन्हें सीबीआई के अनुरोध पर चार मार्च तक केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेजा था, जिसकी अवधि समाप्त होने पर दो दिनों की और सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। सीबीआई और ईडी की हिरासत समाप्त होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। यह अवधि समय-समय पर कई बार बढ़ाई गई थी।
सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत के दौरान ईडी ने मनीष सिसोदिया से पूछताछ की थी। बाद में विशेष अदालत ने ईडी की याचिका पर सिसोदिया को उसकी हिरासत में भेजा दिया था। सिसोदिया को ईडी की हिरासत खत्म होने के बाद इस मामले में भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई की जांच के तरीकों पर सवाल उठाते हुए राहत की उम्मीद में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सिसोदिया की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद सिसोदिया ने बाद में उसी दिन उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। मनीलॉन्ड्रिंग के एक अलग मामले के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद तत्कालीन मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी उसी दिन अपने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
सीबीआई ने दिल्ली की आबकारी नीति 2021-2022 (विवाद के बाद दिल्ली सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था) में कथित अनियमितता के मामले में सिसोदिया को 26 फरवरी रविवार को करीब आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद देर शाम गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, इसीलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने 17 अक्टूबर 2022 को सिसोदिया से पूछताछ की थी। सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को सिसोदिया और अन्य 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी रविवार 16 अप्रैल को सीबीआई ने नई दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में इसी मामले में पूछताछ की थी। केजरीवाल का कहना है कि सीबीआई ने उनसे नौ घंटे तक पूछताछ की थी और 56 सवाल किए गए थे।