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Delhi Metro launches Yulu electric bicycle - Sabguru News
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दिल्ली मेट्रो ने की युलु बाइसिकिल की शुरुआत

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दिल्ली मेट्रो ने की युलु बाइसिकिल की शुरुआत
Delhi Metro launches Yulu bicycle
Delhi Metro launches Yulu bicycle
Delhi Metro launches Yulu bicycle

नयी दिल्ली दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने अपने यात्रियों को स्टेशनों से कुछ किलाेमीटर की दूरी तक जाने की सुविधा प्रदान करते हुए सस्ती दरों पर इलेक्ट्रिक बाइसिकिल की सौगात दी है और इसके लिए सर्विस प्रदाता कंपनी युलु के साथ एक समझौता किया है।

डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ मंगू सिंह ने सोमवार को मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन पर इस सुविधा की शुरुआत करते हुए पत्रकारों से कहा कि अभी सेंट्रल दिल्ली के सात मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी और कोई भी यात्री स्टेशन पर बाहर से इन बाइसिकिल को ले सकता है। फिलहाल मात्र 300 बाइसिकिल ही उपलब्ध हैं। 

उन्होंने बताया कि दिल्ली मेट्रो राजधानी के नागरिकों को एक सस्ती और सुलभ सेवा प्रदान कर विभिन्न हिस्सों को जाेड़ रही है और इस समय दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मेट्रो लोगों की पहली पसंद बन गया है। अब जनता बाईक भागीदारी(पीबीएस)की शुरूआत युलु के साथ की गई है जो मेट्रो रेल यात्रियों को उनके अंतिम गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करेगा।

इस मौके पर युलु बाइक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित गुप्ता ने बताया कि विश्व में राजधानी दिल्ली प्रदूषित शहरों में शामिल हो गई है और इस दिशा में उनकी कंपनी ने प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक बाइसिकिल की सुविधा दी है जिनका उपयोग मेट्रो रेल यात्री अपने गंतव्य स्थान पर जाने में कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि यह एक ऐप बेस्ड सुविधा है और मोबाइल फाेन में युलु ऐप डाउनलोड करना पड़ेगा। यात्री मेट्रो स्टेशन के बाहर इन्हे ले सकता है और इसकी सुरक्षा डिपाजिट राशि रिफंडेबल है जो बहुत ही कम 250 रुपए है। कोई भी यात्री इनका उपयोग कर सकता है और 10 रुपए इस बाइसिकिल को अनलाक करने की फीस है तथा अगले दस मिनट के 10 रुपए देने होंगे। उदाहरण के लिए अगर कोई यात्री तीन किलोमीटर के लिए इसका उपयोग करता है तो उसे 40 रुपए देने होंगे। इस पर मात्र एक व्यक्ति ही बैठ सकता है। उपयोग करने के बाद इस बाइसिकिल को स्टेशन पर बनाए गए विशेष क्षेत्र में ही खड़ा करना होगा।

गुप्ता ने बताया कि यह जीपीएस प्रणाली युक्त है और इसका पूरा रिकार्ड कंट्रोल रूम से रखा जाता है तथा जो व्यक्ति इसे लेकर जाता है उसकी लोकेशन आसानी से पता लगाई जा सकती है। यह सेवा बेंगलुरु, पुणे, भुवनेश्वर और ग्रेटर मुंबई में पहले से ही जारी है। 

उन्होंने बताया कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अगले वर्ष के शुरू में इनकी संख्या 25 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है