नई दिल्ली। दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों को सेवा गुणवत्ता के मामले में दुनिया के बड़े हवाई अड्डों में संयुक्त रूप से नंबर एक घोषित किया गया है। हवाई अड्डों की रैंकिंग तय करने वाली अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल ने चार करोड़ से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही वाली श्रेणी में उन्हें वर्ष 2017 के लिए इस खिताब से नवाजा है।
डेढ़ से ढाई करोड़ यात्रियों की श्रेणी में बेंगलुरु हवाई अड्डे को दूसरा और चेन्नई हवाई अड्डे को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान दिया गया है। पचास लाख से डेढ़ करोड़ यात्रियों की आवाजाही की श्रेणी में हैदराबाद हवाई अड्डा पहले स्थान पर रहा है। इस श्रेणी में कोचीन, कोलकाता और पुणे हवाई अड्डों को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान मिला है।
बीस से पचास लाख यात्रियों की श्रेणी में लखनऊ हवाई अड्डा पहले स्थान पर रहा है। दिल्ली हवाई अड्डे का प्रबंधन करने वाली कंपनी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) ने बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या पिछले साल पहली बार छह करोड़ के पार हो गई। छह करोड़ 35 लाख यात्रियों ने पिछले साल दिल्ली हवाई अड्डे से उड़ान भरी या यहां उतरे और इस मामले में यह दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा हवाई अड्डा रहा।
डायल जीएमआर समूह और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की संयुक्त उपक्रम वाली कंपनी है। जीएमआर समूह के अध्यक्ष (हवाई अड्डा) श्रीनिवास बोमिडाला ने इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि यात्री की सालाना आवाजाही तेजी से बढ़ने के मद्देनजर हम हवाई अड्डे के सभी हितधारकों से मजबूत सहयोग की उम्मीद करते हैं। हम दिल्ली हवाई अड्डे के विस्तार का काम शुरू कर रहे हैं। इससे आधारभूत ढाँचों के विकास के साथ यात्रियों का अनुभव भी और सुखद होगा।
डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आई प्रभाकर राव ने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो, नागर विमानन महानिदेशालय, एटीसी और अन्य सरकारी एजेंसियों को भी जाता है।
मुंबई हवाई अड्डा ने एक ट्वीट में कहा कि दुनिया में नंबर एक हवाई अड्डा बनने पर हम वास्तव में सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हम इस उपलब्धि के लिए सभी हितधारकों को धन्यवाद देना चाहते हैं।