नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने जबरन वसूली करने वालों के एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ करने और एक भारतीय मास्टरमाइंड समेत आठ लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। क्रिप्टो करेंसी के जरिए जबरन वसूली का पैसा एक चीनी नागरिक के खाते में चीन, हांगकांग और दुबई भेजा जा रहा था।
आरोपियों को दिल्ली, राजस्थान के जोधपुर, हरियाणा के गुरुग्राम और देश के अन्य हिस्सों से कथित रूप से रंगदारी देने के नाम पर बेगुनाहों से गाली-गलौज करने और कर्ज की रकम चुकाने का झांसा देकर रंगदारी वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। करोड़ों रुपए के घोटाले में एक खाते में मिली 8.25 करोड़ रुपए की रंगदारी का खुलासा हुआ और 25 और खातों की पहचान की गई है।
पुलिस को एक पीड़िता से शिकायत मिली थी, जिसने आरोप लगाया था कि उसके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और सोशल मीडिया के माध्यम से उसके परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों को उसकी मॉर्फ्ड और अश्लील तस्वीरें भेजकर कुछ अज्ञात लोगों द्वारा धमकी दी जा रही है।
शिकायतकर्ता ने एक ऐप के माध्यम से ऋण लिया था। उसने समय पर ऋण चुका दिया लेकिन उक्त राशि चुकाने के बाद उसे ऐप से संबंधित कर्मचारियों के धमकी भरे और गाली-गलौज वाले व्हाट्सएप कॉल/मैसेज मिलने लगे। दिल्ली पुलिस के आईएफएसओ के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि शिकायतकर्ता ने यह भी देखा कि कथित घोटालेबाज एक उच्च वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की प्रोफाइल पिक्चर का इस्तेमाल कर रहे थे।
ऋण ऐप का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि ऐप द्वेषपूर्ण था और व्यक्ति के विवरण, संपर्क, चित्र प्राप्त कर तीसरी पार्टी को भेज रहा था। पुलिस उपायुक्त ने कहा कि जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी के एक कथित व्हाट्सएप नंबर ने एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की तस्वीर का इस्तेमाल किया था, जिसके अनुसार मामले में धारा 384/385/419/420/120 आईपीसी जोड़ी गई है।
आगे की जांच और आरोपी व्यक्तियों के खुलासे के आधार पर, कृष्ण उर्फ रविशंकर नाम के एक व्यक्ति को राजस्थान के जोधपुर से 14 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि वह भारत का मुख्य मास्टरमाइंड था जिसने एक कथित चीनी नागरिक को सभी बैंक खाते उपलब्ध कराए थे। यह पाया गया कि कृष्ण द्वारा जबरन वसूली गई सभी राशि क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन भेजी जा रही थी। तीन चीनी नागरिकों के क्रिप्टो खातों की पहचान की गई है जहां क्रिप्टो मुद्रा के माध्यम से राशि भेजी गई थी।
पुलिस उपायुक्त ने कहा कि गिरोह की दूसरी टीम आर्थिक लेन-देन करती थी। बैंक खाते में रंगदारी की रकम मिलने के बाद आरोपी उसे क्रिप्टो करेंसी में तब्दील कर चीन, हांगकांग, दुबई आदि में बैठे अपने आकाओं को पैसे ट्रांसफर कर देते थे। गिरोह के सभी सदस्यों को उनकी भूमिका और उनके प्रदर्शन के अनुसार उनका हिस्सा मिल रहा था।