नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले की घटना के पीछे साजिश की जांच के लिए यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है।
दिल्ली पुलिस की ओर से गुरुवार को जारी एक बयान में बताया गया कि 26 जनवरी की हिंसा की साज़िश को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है। स्पेशल सेल दिल्ली पुलिस की एन्टी टेरर इकाई है। लाल किले में हिंसा और पूरी दिल्ली में हुई हिंसा की साज़िश की जांच होगी और यह पता लगाया जाएगा कि हिंसा के पीछे मास्टरमाइंड कौन है।
उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच समझौता हुआ था उसे तोड़ने के लिए सुनियोजित योजना बनाई गई जिसके कारण राजधानी के कई जगहों पर हिंसा हुई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार की छवि खराब करने के लिए ऐतिहासिक स्थल को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में करोड़ों की सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। इस हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
गौरतलब है कि ट्रैक्टर रैली के दौरान सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी किसान लाल किले में घुस गए तथा किसानों के और धार्मिक झंडे फहरा दिए।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को हिंसा के लिए मेधा पाटकर, बूटा सिंह, दर्शन पाल, राकेश टिकैत, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, जोगिन्द्र सिंह उग्राहा, अवीक साहा सहित 37 किसान नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
इन नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148 (दंगा भड़काने से संबंधित), 120बी (आपराधिक साजिश), और 307 (हत्या के प्रयास) समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। इनके पासपोर्ट जब्त किए जाएंगे ताकि देश से बाहर नहीं जा सके।