नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने दिल्ली में कूड़े और ठोस अपशिष्ट के निपटान के तरीके पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कूड़े के प्रबंधन के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाने को लेकर गुरुवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल को कड़ी फटकार लगाई।
सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में उप राज्यपाल कार्यालय को भी फटकार लगाई है। उप राज्यपाल के कार्यालय ने अपने एक बयान में कहा था कि इस मुद्दे से निपटने की जिम्मेदारी नगर निगमों की है।
न्यायाधीश मदन भीमराव लोकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए उप राज्यपाल को कार्य सही दिशा में नहीं होने पर आवश्यक निर्देश देने के लिए कहा।
न्यायाधीश लोकुर ने कूड़े के प्रबंधन से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग नहीं लेने पर उप राज्यपाल को चेतावनी देते हुए कहा कि आप कह रहे हैं कि आपके पास सारी शक्तियां हैं, आप सुपरमैन हैं।
शीर्ष अदालत में भोजनावकाश के बाद हुई सुनवाई में उप राज्यपाल की ओर से पेश हुई अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए धन नहीं है। इस पर न्यायालय ने कहा कि यह बहुत ही आश्चर्य की बात है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पास धन नहीं है।
न्यायालय ने कहा कि राजधानी दिल्ली में कूड़े के निपटान के लिए उप राज्यपाल बैजल को गुरुग्राम के निगम आयुक्त से सलाह लेनी चाहिए। शीर्ष अदालत इस बात से अवगत है कि गुरुग्राम कूड़ा प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहा है।
कूड़ा प्रबंधन को लेकर उप राज्यपाल के 10 से अधिक बैठकों में हिस्सा लेने पर न्यायालय ने कहा कि इतनी सारी बैठकें करने का क्या अर्थ है? आपकी शक्तियों का क्या मतलब है जब आप उनका प्रयोग नहीं कर सकते। आपको यह स्वीकार करना होगा कि कुछ नहीं हो रहा है। हम निर्देश देते रहे हैं और आप कुछ भी लागू नहीं करते। आपको कोई परवाह नहीं है।
न्यायालय ने कूड़े के निपटान के मुद्दे पर सुझाव देने के लिए गुरुग्राम के नगर निगम आयुक्त को 16 जुलाई को उपस्थित होने के लिए कहा है।