नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में नाई की दुकानों के साथ साथ सभी दुकानें नियमित तौर पर खुलेगी और दिल्ली बाॅर्डर एक सप्ताह के लिए सील रहेगा तथा इस पर आगे का फैसला दिल्ली के लोगों से मिले सुझावों के आधार पर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सभी की है। दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाएं सबसे बेहतर होने के कारण देश भर से लोग इलाज कराने आते हैं। दिल्ली किसी का इलाज करने से मना नहीं कर सकती है। बॉर्डर खोलने पर कोविड बेड शीघ्र भर सकते हैं। इस कारण बाॅर्डर खोलने पर मुझे जनता का मार्ग दर्शन और सुझाव चाहिए। दिल्ली सरकार को शुक्रवार को शाम 5 बजे तक आपके सुझावों का इंतजार रहेगा। आप अपने सुझाव वाट्सएप नंबर 8800007722 या ईमेल- delhicm.suggestions@gmail.com पर भेज सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा आप हेल्पलाइन नंबर 1031 पर काॅल करके भी आपने सुझाव रिकाॅर्ड करा सकते हैं। फिलहाल एक सप्ताह के लिए बाॅर्डर सील कर रहे हैं। इस दौरान आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। सरकारी कार्यालय के कर्मचारी अपना आई कार्ड दिखा कर आ-जा सकेंगे। अन्य लोग भी पास से आ-जा सकेंगे। सभी से मिले सुझावों पर विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद अगले सप्ताह ठोस फैसला लिया जाएगा।
केजरीवाल ने कहा कि आज से लाॅकडाउन का अगला चरण शुरू हो रहा है। केंद्र सरकार ने अपनी नई गाइडलाइन भेजी है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक जो भी ढील देने के निर्णय लिए हैं, उस पर दिल्ली सरकार ने कुछ फैसले लिए हैं। अभी तक जितनी चीजें खोली जा चुकी है, वह खुली रहेंगी। इसके अलावा, बार्बर और सैलून की दुकानें खोलने का निर्णय लिया गया है।
अभी स्पाॅ नहीं खोले जाएंगे। आटो, ई-रिक्शा समेत सभी ग्रामीण सेवा में कुछ दिक्कत आ रही थीं। मसलन, आटो में एक बार में एक ही सवारी बैठने की अनुमति थी। यदि एक परिवार में पति, पत्नी और एक बच्चा घर से निकलते हैं, तो तीनों को अलग- अलग आटो में बैठना पड़ रहा था। इन दिक्कतों की वजह से लोगों के कई सुझाव आए थे।
उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार ने भी नई गाइडलाइन में इस पर कोई प्रतिबंध नहीं रखा है। इसलिए दिल्ली सरकार भी इन प्रतिबंधों को हटा रही है। केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि रात को 9 बजे से सुबह 5 बजे तक आवश्यक सेवाओं के अलावा कोई अन्य बाहर नहीं निकलेगा।
दिल्ली सरकार भी इस फैसले को लागू करने जा रही है। अभी तक चार पहिया वाहन में चालक के अलावा दो लोग के बैठने और स्कूटर पर पीछे कोई सवारी नहीं बैठने के निर्देश थे। केंद्र सरकार ने इन शर्तों को हटा दिया है। इसलिए दिल्ली सरकार भी केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इन शर्तों को हटा रही है।
केजरीवाल ने कहा कि मार्केट में अभी तक हम लोगों ने ऑड-ईवन लागू किया था। जिसमें एक दिन ऑड और दूसरे दिन ईवन नंबर की दुकानें खुल रही थीं। अब केंद्र सरकार की गाइडलाइन में इस तरह की कोई शर्त नहीं है। इसलिए अब मार्केट में सभी दुकानें खुलेंगी।
पिछली बार केंद्र सरकार ने कहा था कि औद्योगिक इलाकों में स्टैगर्ड टाइमिंग लागू किए जाएंगे। उसी के मुताबिक दिल्ली सरकार ने भी स्टैगर्ड टाइमिंग लागू किया था लेकिन नई गाइड लाइन में उन शर्तों को हटा दिया है, इसलिए अब दिल्ली में सभी इंडस्ट्रीज खुल सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के बाॅर्डर खोलने को लेकर लोगों से मार्ग दर्शन और सुझाव मांगा है। उन्होंने कहा कि मुझे दिल्ली के लोगों का मार्ग दर्शन चाहिए। कुछ दिन पहले आप लोगों से सुझाव मांगे थे कि दिल्ली में लाॅकडाउन में ढील देनी चाहिए या नहीं देनी चाहिए। इस पर भरपूर सुझाव आए थे। दिल्ली के लोगों ने 5 लाख से अधिक सुझाव दिए थे।
आज एक महत्वपूर्ण विषय पर आप लोगों का मार्ग दर्शन चाहिए कि क्या दिल्ली के बाॅर्डर को खोला जाए? इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है। दिल्ली के अंदर कोरोना के केस काफी बढ़ रहे हैं। यह चिंता की बात तो है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।
केजरीवाल ने कहा कि यह मैं इसलिए कह पाया कि क्योंकि दिल्ली के अंदर पिछले 5 सालों में आपकी सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं में खूब निवेश किया है। खूब नए अस्पताल खोले हैं। खूब सारे बेड बनाए, आईसीयू खोले और मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं। लोगों के लिए सभी इलाज मुफ्त कर दिया है। पिछले पांच सालों में दिल्ली के अंदर स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व विकास हुआ है।
आज उसी के चलते जब कोरोना महामारी की वजह से देश और दुनिया के कई हिस्सों में उनकी स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हो गईं। वहीं, आज दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ने के बाजवूद आपका मुख्यमंत्री आपको विश्वास दिलाता है कि अगर आपके घर में किसी को कोरोना हो गया, तो आप चिंता मत करना, आपके लिए बेड उपलब्ध हैं। हमने आपके लिए बेड का इंतजाम कर लिया है।
उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह जब हमने आप लोगों से बात की थी, तब मैने यह कहा था कि दिल्ली में 2100 मरीज हैं, लेकिन 6600 बेड के इंतजाम हैं और 5 जून तक 9500 बेड का इंतजाम और हो जाएगा। दिल्ली में आज की तारीख में अभी करीब 2300 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। किस अस्पताल में बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन उपलब्ध है, इसके बारे में आपको अब एप की मदद से पता चल जाएगा। एप को हम कल लांच कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश भर के लोग दिल्ली में इलाज कराने के लिए आते हैं। दिल्ली में लोग इलाज कराने के लिए दो कारणों से आते हैं। पहला, आज दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं पूरे देश में किसी भी राज्य या किसी भी शहर से सबसे ज्यादा अच्छी है। पूरे देश में सबसे अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं दिल्ली में मिलती है। इसलिए देश भर से लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। दूसरा, दिल्ली के अंदर सरकारी अस्पतालों में सब कुछ मुफ्त है। यदि आपके इलाज में 20 लाख रुपए भी खर्च होता है, तो वह मुफ्त है। इसलिए देश भर से लोग यहां इलाज कराने के लिए आते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि जैसे ही हम बाॅर्डर खोलेंगे, देश भर से लोग दिल्ली में इलाज कराने के लिए आएंगे। हमने 9500 बेड का इंतजाम किया है और दिल्ली में आज की तारीख में केवल 2300 मरीज भर्ती हैं। लेकिन यदि बाॅर्डर खोल दिए और देश भर से लोग इलाज कराने के लिए दिल्ली आ गए, तो पूरे बेड दो दिन के अंदर ही भर जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली निवासियों से पूछा कि ऐसे में हमें क्या करना चाहिए? क्या बाॅर्डर खोलने चाहिए या नहीं खोलने चाहिए? कुछ लोगों का कहना है कि बाॅर्डर खोल देने चाहिए, लेकिन दिल्ली के अस्पतालों को केवल दिल्ली में रहने वाले लोगों के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाएं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली तो दिलवालों की है। दिल्ली सबकी है और देश की राजधानी है। दिल्ली आजतक सभी का इलाज करती आई है। फिर दिल्ली किसी का इलाज करने से मना कैसे कर सकती है? कुछ लोगों का सुझाव है कि जब तक कोरोना है, कम से कम तब तक के लिए दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्ली में रहने वाले लोगों का ही इलाज होना चाहिए। तो इसमें क्या होना चाहिए? इस पर आप सभी से मार्ग दर्शन चाहिए। हमें क्या करना चाहिए? आप हमें इस बारे में सुझाव भेजें। उसके आधार पर अगले सप्ताह हम इस बारे में एक ठोस फैसला ले पाएंगे।