अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ की सरजमीं से मंगलवार को राजस्थान में अभद्र भाषा (निषेध) अधिनियम 2021 लाए जाने की मांग की गई।
दरगाह स्थित आहता-ए-नूर पर आयोजित जलसे में तहफ्फुजे नामूसे रिसालत बोर्ड की सरपरस्ती में मुल्क के उलेमाओं एवं अंजुमन की मौजूदगी में राजस्थान सरकार से प्रदेश में अभद्र भाषा (निषेध) अधिनियम 2021 लाये जाने की मांग की गई।
बाद में अजमेर सर्किट हाउस पर आयोजित पत्रकार वार्ता में ऑल इंडिया काजी बोर्ड के महासचिव मौलाना फजले हक ने कहा कि मुल्क में भारतीय संविधान के मुताबिक सबको इज्ज़त और बराबरी का दर्जा हासिल है लेकिन कुछ लोग पैगम्बर इस्लाम के लिए गलत बयानबाजी कर माहौल खराब कर रहे है। ऐसे में हम चाहते हैं कि मुल्क का कौमी एकता, भाईचारा खराब न हो। किसी भी मजहब के खिलाफ कोई व्यक्ति आवाज उठाता है तो उसे कानूनी तौर पर दंडित किया जाए।
सुन्नी जमीयत उलेमा के सदर तथा रजा अकेडमी महासचिव मौलाना सईद नूरी ने कहा कि कुछ खास लोग अपनी शौहरत के लिए मजहब, मजहबी रहनुमाओं पर ना काबिले बर्दाश्त बयान जारी करते हैं। कई बार हालात खराब हो जाते हैं, लड़ाई झगड़े फसाद की नौबत आ जाती है। इन तमाम बातों को लेकर हम पहले महाराष्ट्र सरकार और अब राजस्थान सरकार से भी प्रदेश में अभद्र भाषा निषेध बिल पास कराने की वकालत करते हैं जिसका मजमून भी पेश कर रहे है जिसमें कारावास दंड के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है।
अजमेर दरगाह अंजुमन सैयद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा ने बिल पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि यह इंसानियत का बिल होगा और ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह शरीफ से निकला यह संदेश पूरे विश्व में जाएगा। दरगाह शरीफ से इज्ज़त और मोहब्बत, मान सम्मान का संदेश जाता है। हर मजहब का आदमी यहां फरियाद लेकर आता है और उसे पूरी करता है।
पत्रकार वार्ता में बताया गया कि एक शिष्टमंडल बुधवार को राज्य के वक्फ एवं अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद के सहयोग से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन देगा जिसमें गुजारिश की जाएगी कि हिंदुस्तान गंगा जमुनी तहजीब का मुल्क है और मजहब के नाम पर गलत बयानगी कर कुछ लोग देश का माहौल खराब करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में राजस्थान विधानसभा के सत्र में अभद्र भाषा (निषेध) अधिनियम 2021 लाकर इसे पारित किया जाए।