तूतीकोरिन। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंयेवक संघ (आरएसएस) पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि इसने देश में संस्थागत संतुलन को नष्ट कर दिया है।
गांधी ने तमिलनाडु के दक्षिणी जिले में अपने दूसरे चरण के चुनाव अभियान के दौरान अधिवक्ताओं के साथ बातचीत में कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान सभी संस्थानों पर एक व्यवस्थित हमला किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत में लोकसभा, विधानसभा, पंचायतें, न्यायपालिका और स्वतंत्र प्रेस हैं। ये संस्थायें मिलकर देश को एक स्थान पर रखती हैं। पिछले छह वर्षों में हमने इन सभी संस्थानों पर एक व्यवस्थित हमला देखा है।
गांधी ने दावा किया कि देश में धर्मनिरपेक्षता पर पुरजोर हमला किया गया। आरएसएस और भाजपा उस हमले का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता हमारे इतिहास और संस्कृति की नींव है और इसलिए यह हमारी संस्कृति और इतिहास पर हमला है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इसे अपने ट्रैक में ही रोका जाए।
उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र अपने संस्थानों के बीच एक संतुलन के माध्यम से संचालित होता है। अगर वह संतुलन अव्यवस्थित है तो पूरा राष्ट्र परेशान होता है। गांधी ने कहा कि इस बैठक की भावना यह समझना था कि हो क्या रहा है और भारतीय राष्ट्र और भारत के संस्थानों का बचाव करना था जिन पर क्रूर हमला हो चुका है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर सभी राज्यों की बात समान रूप से नहीं सुनी जाती है तो उन राज्यों में शक्ति संतुलन नष्ट हो जाता है और यह किसी भी देश के लिए एक गंभीर समस्या है। इसका हम सामना कर रहे हैं।
भाजपा पर पैसे के दम पर जनादेश चुराने का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा कि मुझे पता है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधायकों पर कितना पैसा फेंका गया। एक ऐसी पार्टी है जो हजारों हजार रुपए के साथ चुनाव लड़ रही है और अन्य दलों को वित्त बढ़ाने की अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा कि फाइनेंसर जो विपक्षी दलों का समर्थन करना चाहते हैं, वे आते हैं और कहते हैं कि वे समझते हैं कि आप क्या करना चाहते हो लेकिन यदि हम आपको एक रुपया भी देते हैं तो हमारा व्यापार नष्ट कर दिया जाएगा। गांधी ने कहा कि खरीद-फरोख्त के कारण हमारी मध्यप्रदेश सरकार चली जाती है। अरुणाचल प्रदेश में हमारी सरकार को खरीद लिया गया।
उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसे कानून होने चाहिए जो विधायकों को इधर से उधर न होने पाएं, लेकिन पहले हमें एक कामकाजी संसद की और स्वच्छ छवि वाले एक न्यायपालिका की जरूरत है। नयायपालिका के मसले पर बिना आरएसएस और भाजपा को हस्तक्षेप को बंद किए जाने का भी अनुरोध किया।