चेन्नई। तमिल फिल्मों के सुपरस्टार एवं राजनीति मेें अपने प्रवेश की पुष्टि कर चुके रजनीकांत ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट ने कर्नाटक में राजनीतिक उठापटक के बीच न्याय को सुनिश्चित किया तथा यह लोकतंत्र की जीत है।
रजनीकांत ने यहां अपने पोस गार्डेन स्थित आवास पर अपने प्रशंसकों के संगठन रजनी मक्काल मंद्रम की महिला इकाई की पदाधिकारियों के साथ अायोजित बैठक में बाद पत्रकारों से कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम में खंडित जनादेश मिलने के बाद राज्यपाल वजूभाई वाला ने गलत तरीके से बीएस येद्दियुरप्पा काे सदन में बहुमत साबित करने का समय दे दिया।
उन्होंने कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस्तीफे और राज्यपाल की ओर से कांग्रेस और जनता दल (एस) गठबंधन को नयी सरकार बनाने के लिए आमंत्रण की चर्चा करते हुए कहा कि इस बात के लिए उच्चतम न्यायालय का शुक्रिया जिसने वहां न्याय सुनिश्चित किया। यह लोकतंत्र की जीत है।
कावेरी मुद्दे पर शीर्ष अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए रजनीकांत ने कहा कि न्यायालय के आदेशों को तत्काल लागू किया जाना चाहिए। बांधों पर केवल कर्नाटक का नियंत्रण नहीं होना चाहिए बल्कि इसे कावेरी नदी जल प्राधिकारण के अधीन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तभी तमिलनाडु को न्याय मिल सकेगा।
राजनीतिक पार्टी ‘मक्कल निधि मय्यम’ के संस्थापक कमल हासन की ओर से कावेरी मुद्दे पर बुलाये गये सर्वदलीय बैठक में उनकी अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर रजनीकांत ने कहा कि उन्होंने अबतक अपनी पार्टी गठित नहीं की है जिसके कारण उन्होंने उसमें भाग नहीं लिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे मुद्दों पर हमारा उनके साथ जुड़ाव होगा।
गौरतलब है कि येद्दियुरप्पा ने गुरुवार को शपथ ली थी। कर्नाटक में 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरने के बाद भाजपा विधान सभा में बहुमत साबित करने में विफल रही और येद्दियुरप्पा को सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही शनिवार शाम इस्तीफा देना पड़ा। शीर्ष अदालत के आदेश के कारण यह शक्ति परीक्षण हुआ था।