कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में आतंकवाद निरोधी दस्ते की निशानदेही पर उत्तर प्रदेश एसटीएफ, पुलिस एवं अन्य एजेंसियों ने छापेमारी कर कई बिल्डरों के ठिकानों से लगभग 97 करोड़ रुपए के पुराने नोटे बरामद किए। इस मामले में 16 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
इस मामले में प्रमुख गृह सचिव अरविंद कुमार ने कहा है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इससे कितने लोग जुड़े हैं और इन कारणों का भी पता लगाया जा रहा है कि किस उद्देश्य से इतने बड़े पैमाने पर करेंसी रखी गई थी।
कानपुर के पुलिस अधीक्षक (पूर्व) अनुराग आर्य के मुताबिक पुलिस की अपराध शाखा ने स्वरूपनगर, गुमटी, जनरलगंज और अस्सी फिट रोड स्थित व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर ताबड़तोड़ छापा मारकर बंद हो चुके 1000 और 500 में लगभग 96 करोड़ की मुद्रा बरामद की। इस सिलसिले में 16 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
आर्य ने आशंका जताई कि इन नोटों को हवाला के जरिए या अन्य माध्यमों से औने-पोने दामों में बदलने की योजना थी। पहले मोहित और संतोष नामक दो लोगों को पकड़ा गया। उनसे हुई पूछताछ के आधार पर बिल्डर एवं कपड़ा कारोबारी आनंद खत्री, प्रोफेसर संतोष समेत 16 लोगों हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने दावा किया कि कारोबारी आनंद खत्री के यहां से सबसे अधिक पुराने नोट बरामद किए गए हैं। पकड़े गए लोगों में हैदराबाद के भी दो व्यक्ति शामिल हैं।
आर्य ने बताया कि छापे के दौरान उनके अलावा पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) डॉ. गौरव ग्रोवर और अन्य अधिकारी शामिल थे। छापे में मिले पुराने नोट की गिनती का काम अभी भी जारी है।