जयपुर। राजस्थान विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी विधायक वासुदेव देवनानी को सदन से एक दिन के लिए निलंबित करने के बाद उपजा गतिरोध उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ के माफी मांगने के बाद आज समाप्त हो गया।
पूर्वाह्न ग्यारह बजे सदन की कार्यवाही शुरु होते ही वेल में खड़े भाजपा के सदस्यों ने हमारे अधिकारों की रक्षा करो के साथ बोलना शुरू कर दिया। इस पर अध्यक्ष डा सीपी जोशी ने राठौड़ को बोलने की अनुमति दी। राठौड़ ने कहा कि आसन सर्वोपरि हैं उसका सम्मान करना कर्तव्य भी हैं।
उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह करते हुए कहा कि आप ही हमारे संरक्षण करने वाले हैं। गुस्सा छोड़ो, कहा तो मानो, थोड़ी नजरें इधर भी इनायत करो। अध्यक्ष ही हमारा संरक्षणदाता हैं, हम जाए तो कहां जाए। उन्होंने कहा कि सदन में इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं होने का प्रयास होगा।
इस पर जोशी ने कहा कि देवनानी का व्यवहार तो सही नहीं था। आसन पैरों पर हैं और विधायक बोल रहे हैं। इससे गलत पंरपरा चली जाएगी। आप जैसे पार्लियामेंटेरियन को उसी वक्त अपने विधायक का विरोध करना चाहिए था।
राठौड़ ने कहा कि अगर आसन आहत हुआ है तो हम क्षमायाचना करते हैं। हम सदन चलाना चाहते हैं। इसके बाद गतिरोध खत्म हो गया और भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेना शुरू कर दिया।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को सदन में शून्यकाल में देवनानी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्रों पर हमले के मामले को स्थगन प्रस्ताव के तहत सदन में उठाना चाहा लेकिन उन्हें बोलने की अनुमति नहीं मिली। आसन के पैरों पर होने के बावजूद देवनानी बोलते रहे और सदन के वेल में आ गए।
इसके बाद अध्यक्ष ने उनके खिलाफ प्रस्ताव लाने का कह दिया और सदन ने प्रस्ताव पारित कर देवनानी को सदन की शेष दिन भर की कार्यवाही के लिए सदन से बाहर निकाल दिया गया। इस मामले को लेकर भाजपा सदस्यों ने पूरे दिन के लिए सदन का बहिर्गमन किया था। शून्यकाल और उसके बाद सदन की कार्यवाही बिना विपक्ष के चलती रही थी। बुधवार को भी जब सदन की कार्यवाही शुरु हुई तब भाजपा सदस्य वेल में खड़े थे।