मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना में स्थित सूर्य पुत्र शनिदेव के मंदिर में शनिवार को शनि अमावस्या पर देश के अनेक प्रांतों से आए लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शनि देव की पूजा अराधना की। भक्तों की लंबी कतार शनि देव के दर्शन करने के लिए लगी रही।
ऐंती गांव (पर्वत) पर विराजमान भगवान शनि देव के दर्शन करने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु शनि देव की पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचे। शनि दर्शन करने के लिए एक दिन पहले ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। लाखों की संख्या में श्रद्धालु बसों और चार पहिया, दुपहिया वाहनों से ऐंती पर्वत पहुंचे।
विश्व में यह एक ऐसा मंदिर है जिसकी स्थापना त्रेतायुग में हुई है। शनि अमावास्या पर हर साल लाखों की संख्या में लोग भगवान शनि देव की कृपा पाने के लिए पहुंचते है। पर्वत पर विराजमान शनि देव भगवान के दर्शन करने के साथ उनको प्रसन्न करने के लिए तेल चढ़ाया जाता है। हालांकि भगवान को तेल अर्पित करने के लिए मंदिर के बाहर की तरफ चार प्रतिकृति बनाई गई।
मंदिर के पुजारी ब्रजभूषण दास श्रद्धालुओं के द्वारा तेल अपने आप फिल्टर होकर शनि महाराज की मुख्य प्रतिमा में पहुंचता है और फिर सीधे अंडर ग्राउंड बने टैंक में एकत्र हो जाता है। बताया जाता है कि शनि अमावस्या पर करीब 4500 लीटर तेल यहां मंदिर के नीचे बने टेंक में एकत्र होता है। इस तेल को बाद में बाजार में नीलाम किया जाता है। इससे जो धन मिलता है उससे मंदिर के विकास कार्यो में लगाया जाता है।
उधर, देर रात में ही बाहर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर डेरा जमा लिया था। इन लोगों ने रात स्टेशन पर गुजारी और सुबह रेल से भगवान शनि के मंदिर रेल से पहुंच कर पूजा अर्चना की। उधर शनि मंदिर पर इस बार नाई के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी। कई लोग अपने बाल मुंडवाने मंदिर पहुंचते हैं। वहीं महिलाओं और पुरूषों को नहाने के लिए अलग अलग व्यवस्था की गई थी।
संभागायुक्त चंबल डॉ. एमके अग्रवाल, कलेक्टर भास्कर लक्ष्कार ने भी पहुंच कर पूजा अर्चना की। वहीं पुलिस ने भी सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की है। अनेक शनि मंदिरों पर जगह-जगह भंडारे आयोजित किए गए।