सिरसा। हरियाणा के सिरसा सिथत डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को लेकर नया विवाद छिड़ गया है कि वह असली हैं या नकली। इन आरोपों के बीच आज राज्य की ख़ुफ़िया एजेंसियां सक्रिय रही।
गुरमीत राम रहीम साध्वी यौन शोषण व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में सजायाफ्ता है तथा पिछली 17 जून से 30 दिनों की पैरोल पर है। डेरा प्रमुख पैरोल के बाद डेरा की उत्तरप्रदेश के बरनावा स्थित शाखा में है।
डेरा अनुयायी अशोक कुमार वगैरह ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर डेरा प्रमुख के असली न होने को चुनौती दी है। आरोप है कि डेरा प्रमुख का कद बढ़ गया है तथा अनुयायियों को पहचान नहीं रहे हैं। इस मामले पर न्यायालय सोमवार को सुनवाई करेगा। वही दूसरी और डेरा सच्चा सौदा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इन आरोपों को सिरे से खारिज किया।
उधर, हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह ने भी इन आरोपों को अर्थहीन करार दिया है। उन्होंने बताया कि एक कानूनी प्रक्रिया के तहत पैरोल दिया गया है। अगर माननीय अदालत ने सरकार का पक्ष जाना तो हम जानकारी देंगे। इन आरोपों के बीच आज डेरा में गहमा गहमी बनी रही और काफी चर्चा सुनने को मिली।
डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता जितेंद्र खुराना एडवोकेट ने अपने वक्तव्य में कहां है कि कुछ असामाजिक तत्व डेरे के भक्तों को भ्रमित करने व प्रशासन को गुमराह करने के लिए निराधार प्रचार कर रहे हैं यहां जारी बयान में खुराना ने कहा है की गुरमीत राम रहीम 30 दिन की पैरोल पर बरनावा आश्रम उत्तर प्रदेश में है और भक्तजन तथा अधिकारी उनसे निरंतर मिल रहे हैं।
उनके कद और शरीर के वजन के बारे में मिथ्या प्रचार किया जा रहा है सरकार को जांच करके दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि डेरे की छवि खराब करने के लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है।
डेरा प्रवक्ता ने आगे बताया कि लगभग सात माह पहले भी मोहित गुप्ता वगैरह की और से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख की जान को खतरा को लेकर एक याचिका दायर की गई थी, जिसमे यही याचि मोहित गुप्ता की गैर हाजिरी में अदालत में पेश होता था। उस समय माननीय अदालत ने इन परिवादियों को फटकार लगाते हुए 50 हजार रुपए जुर्माना भी किया था।