अजमेर। राजस्थान के अजमेर में रजब माह का चांद दिखाई देने के बाद बुधवार रात से शुरू हुए ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 810वें सालाना उर्स के दौरान जुम्मे की सार्वजनिक नमाज शुक्रवार को अदा की जाएगी।
अजमेर जिला कलेक्टर एवं मेला मजिस्ट्रेट अंशदीप ने जुम्मे की नमाज के लिए पूरे मेला क्षेत्र में कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किए है। प्रशासन एवं पुलिस उर्स को अब सामान्य दिनों की तरह ही आयोजित करा रहा है।
अजमेर शरीफ एक ही रात में जायरीनों की आवक से पट गया है। शहर की सड़कों पर हिंद के राजा ख्वाजा ख्वाजा, ये दीवाने कहां चले, ख्वाजा के दरबार चलें, जैसे जयघोष गुंजायमान हो रहे हैं।
दरगाह और दरगाह का चौतरफा मेला क्षेत्र जायरीनों की रंगत से सरोबार हो चला है। प्रशासनिक व्यवस्थाएं व पुलिस की सुरक्षा व्यवस्थाएं माकूल है। जिला प्रशासन ने आठ फरवरी को उर्स का मेला अवकाश भी घोषित किया है। उल्लेखनीय है कि उर्स केे दौरान जुम्मे की दूसरी नमाज ग्यारह फरवरी को बड़े कुल की रस्म के साथ होगी।
ख्वाजा की दर पर पेश किया जाएगा बसंत
अजमेर में विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के दर पर बसंत पेश किया जाएगा। बसंत पंचमी के मौके पर रजब माह की पांच तारीख को पूरी शानौ शौकत के साथ ख्वाजा के दर बसंत पेश किया जाएगा। बसंती रंग पीले-केशरिया फूलों का गुलदस्ता दरगाह दीवान की सदारत में पेश किया जाएगा।
शाही कव्वाल, अमीर खुसरों के बसंत से जुड़े गीत, कव्वाली आदि गाते हुए दरगाह निजामगेट से मजार शरीफ तक गुलदस्ते के आगे रहेंगे। बसंत पेश करने के दौरान दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन और उनके प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
ख्वाजा गरीब नवाज को पीले बसंत फूलों से बेहद लगाव था, यही कारण है कि बसंत पंचमी के मौके पर परम्परागत तरीके से हर साल उनके दर बसंत पेश किया जाता है। इस बार ये संयोग है कि 810वें सालाना उर्स के मौके पर बसंत पंचमी आई है।
उर्स में पाकिस्तान से जायरीनों का जत्था नहीं आएगा
अजमेर में चल रहे ख्वाजा गरीब नवाज के 810वें सालाना उर्स में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से जायरीनों का जत्था नहीं आएगा।इस बात की पुष्टि अजमेर जिला प्रशासन ने की है।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत के विदेश मंत्रालय व राजस्थान के गृह विभाग से मिले पत्र के अनुसार कोरोना महामारी को देखते हुए और कोरोना नियमों की पालना के तहत पाकिस्तान जायरीनों का कार्यक्रम स्थगित रहेगा।
उल्लेखनीय है कि पहले प्रशासन के पास 500 पाकिस्तानी जायरीनों के पांच फरवरी के रात आने तथा बारह फरवरी को लौटने का कार्यक्रम था जिसके अनुसार स्थानीय सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में सभी तैयारियां कर ली गई थी। स्थानीय नेताओं ने जत्था आने का विरोध किया था।