जयपुर। राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिवंगत वरिष्ठतम प्रचारक धनप्रकाश (102) शनिवार को यहां जयपुर में पंचतत्व में विलीन हो गए।
इससे पहले सुबह सात बजे त्यागी की पार्थिव देह को संघ के क्षेत्रीय कार्यालय भारती भवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जहां बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों एवं सामाजिक जीवन से जुड़े लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भारती भवन में स्वयंसेवक मदन ने सर्वप्रथम धनप्रकाश को माल्यार्पण कर नमन किया। इसके बाद संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वांत रंजन, गो सेवा प्रमुख शंकरलाल, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार, क्षेत्र प्रचारक दुर्गादास व सहक्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
महेश नगर स्थित सेवा भारती विद्यालय की बालिकाओं ने भी श्रद्धांजलि दी, जहां उनके गायन से मौजूद लोग भावुक हो गए। बाद में बालिकाओं ने श्रीमद्भागवत गीता व रामधुनी का संगीतमय गायन किया। सुबह साढ़े नौ बजे अंतिम यात्रा भारती भवन से चांदपोल मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई। जहां संघ के स्वयंसेवकों ने बारी-बारी से अर्थी को कंधा दिया। इसके बाद उनकी पार्थिव देह को सुसज्जित वाहन में रखकर मुक्तिधाम ले जाया गया। जहां मार्ग में जगह-जगह स्वयंसेवकों ने पुष्पवर्षा कर भारत माता के जयकारे लगाए।
जहां आंखें नम हो गई। इस दौरान अभा कार्यकारिणी सदस्य गुणवंतसिंह, क्षेत्रीय सेवा प्रमुख शिवलहरी, वरिष्ठ प्रचारक माणकचंद, राजेन्द्र कुमार, मूलचंद सोनी, रामप्रसाद, प्रकाशचंद, जयपुर प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र, चित्तौड़ प्रांत प्रचारक विजयानंद समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। भारती भवन संघ कार्यालय प्रमुख सुदामा ने बताया कि श्रद्धांजलि सभा 26 जनवरी, रविवार को अपराह्न 3 बजे से आदर्श विद्या मंदिर अम्बाबाड़ी में आयोजित होगी।
आम तौर दाह संस्कार में कई प्रकार की लकडिय़ों का उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन संघ के दिवंगत प्रचारक धनप्रकाश त्यागी के दाह संस्कार में गाय के गोबर से बनी लकडिय़ों गोकाष्ट का उपयोग किया गया। गोपालन से जुड़े लोगों ने बताया कि गोबर से बने उपलों या गोकाष्ट का उपयोग करने से पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगेगा।